पढ़ें कैसे जापानियों की कार्यकुशलता और अनुशासन ने दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी को मंत्रमुग्ध कर दिया! और क्यों पूरा विश्व जापान की कार्यकुशलता का लोहा मानता है !
बीसवीं सदी बात है, उस समय की कंप्यूटर बनाने वाली महान कंपनी IBM ने कंप्यूटर के कुछ पुर्जे जापान में बनवाने और वहाँ से आयात करने का विचार किया!
चूँकि IBM के लिए प्रोडक्ट्स की गुणवत्ता एक अहम मुद्दा है इसलिए कंपनी की तरफ से तरफ से जिस जापानी कंपनी को ये ठेका दिया गया उसे निर्देश दिए गए की हर 10000 पुर्जों पर सिर्फ 3 दोषपूर्ण पुर्जे ही स्वीकार्य होंगे !
डिलीवरी के समय IBM वालों को कन्साइनमेंट के साथ एक लेटर मिला जिसपर लिखा था!
“काफी सोचने बाद भी हमें अमेरिकन व्यवसाय की बारीकियाँ समझ न आई पर आदेशानुसार हमने 10,000 पार्ट्स के साथ 3 दोषपूर्ण पुर्जों का निर्माण किया और उन्हें कन्साइनमेंट के साथ संलग्न कर दिया हैं !”
कन्साइनमेंट पर एक लेबल लगा हुआ था जिसपर लिखा था “दोषपूर्ण पुर्जे – आदेशानुसार पर अनुपयोगी”
जापानियों की कार्यकुशलता और अनुशासन की ये कहानी हर देश के लोगों के लिए एक सीख है ! शायद यही वजह है कि विश्व युद्ध हारने और प्रतिदिन आते प्राकृतिक आपदाओं के बावजूद जापान आज एक विकसित देश के रूप में खड़ा है !
Japan hamesha se ek mahan desh raha hai. wahan ke log sabse jyada honest hote hain