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करोड़पति इंजीनियर यादव सिंह को सीबीआई ने किया गिरफ्तार – आय से अधिक संपत्ति मामले की चल रही है जांच

बुधवार को सीबीआई ने नोएडा विकास प्राधिकरण के निलंबित चल रहे पूर्व इंजीनियर यादव सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। सीबीआई की और से यादव सिंह को पूछताछ के लिए समन भेजा गया था। यादव सिंह सीबीआई के सामने पूछताछ के लिए पेश हुए थे। गहरी पूछताछ के बाद अंतत: गिरफ्तार कर लिया गया। सीबीआई सूत्रों ने बताया है कि बृहपतिवार को यादव सिंह को ग़ज़िआबाद स्थित सीबीआई की विशेष अदालत में पेश किया जायेगा।

yadav singh arrested by cbi in disproportionate income caseआपको बता दें कि पिछले दिनों यादव सिंह के करीबी रामेंद्र की गिरफ्तारी और उसके द्वारा किए गए खुलासों के बाद से ही उनकी गिरफ्तारी के कयास लगाये जा रहे थे। यादव सिंह के भ्रष्टाचार की जांच कर रही सीबीआई ने 2002 से लेकर 2014 तक के उनके सभी प्रोजेक्ट को खंगाला हैं। इसके अतिरिक्त यादव सिंह, उनके रिश्तेदार, मित्र, सहयोगी, ठकेदार समेत कई लोगों से भी सीबीआई ने पूछताछ की है।

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यादव सिंह पर करोड़ों रुपये के घोटाले का आरोप है। यादव को गुरुवार को गाजियाबाद की सीबीआई अदालत में पेश किया जाएगा। सीबीआई ने यादव सिंह पर धारा 409, 420, 466, 467, 469, 481 और भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मामला दर्ज किया है। गिरफ्तारी से पहले सीबीआई कई बार यादव सिंह को पूछताछ के लिए मुख्यालय बुला चुकी थी। इससे पहले सीबीआई ने यादव सिंह के भ्रष्टाचार के रैकेट से जुड़े इंजीनियर रमेंद्र सिंह को 18 दिसंबर को गिरफ्तार किया था।

यादव सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जाँच सीबीआई के हवाले किए जाने के बाद नवंबर 2014 को सीबीआई ने यादव सिंह के यहां छापेमारी की थी। जिसमें सीबीआई को अकूत संपत्ति मिली थी।

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वह सीबीआई के दो अलग-अलग मामले – आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति बनाने और ठेका देने में उच्च स्तरीय भ्रष्टाचार का सामना कर रहे हैं। बताया जाता है कि सस्पेंड होने के बाद यादव सिंह जब बहाल हुए तो उन्होंने सिर्फ एक सप्ताह में ८०० करोड़ के कॉन्ट्रैक्ट ठेकेदारों को बाँट दिए। बीते साल नवंबर में इनकम टैक्स विभाग ने यादव सिंह के ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान करीब 2 किलो गहने और ऑडी कार से 10 करोड़ रुपये मिले थे। इसके बाद सीबीआई ने आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया था।

इसके बाद फरवरी 2015 को यूपी सरकार ने यादव सिंह को संस्पेंड कर दिया था। जुलाई 2015 में कोर्ट ने इस केस की जिम्मेदारी सीबीआई को सौंप दी। अगस्त 2015 को सीबीआई ने 954.38 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार के संबंध में यादव सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।

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