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Rahim ke dohe देन हार कोउ और है, भेजत सो दिन रैन।

Rahim ke dohe in Hindi:

देन हार कोउ और है, भेजत सो दिन रैन।
लोग भरम हम पर धरें, याते नीचे नैन।।

Den har kou aur hai, bhejat so din rain
Log bharam ham par dharain, yaate neeche nain

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रहीम के दोहे का अर्थ:

दानी को दान करते समय यह घमंड नहीं करना चाहिए कि वह याचकों की झोलियां भरने में सक्षम है। इससे दान का माहात्म्य घट जाता है और दानी को पुण्य भी नहीं मिलता। दानी को यह नहीं भूलना चाहिए कि उसे दान करने से सक्षम बनाने वाला भगवान ही है। उसकी कृपा से उसे धन मिला है।

रहीम कहते हैं, इस जग में किसी का कुछ नहीं। भव्य अट्टालिकाएं व धन संपदा जोड़कर मनुष्य को यह अभिमान नहीं करना चाहिए कि यह सब उसके प्रताप से संभव हुआ। उसे दान देते समय भी नहीं इतराना चाहिए। वस्तुतः देने वाला कोई और है, वही दिन रात देता है। सच्चा दानी कभी नहीं इतराता। वह जानता है कि यह धन दौलत भगवान की अनुकंपा से उसके पास आई है। किंतु लोगों का भ्रम यह है कि यह धन उन्होंने अपने उद्योग से अर्जित किया है। लेकिन सच्चे दानी को इस भ्रम से अत्यंत दुख होता है। अतः दान करते समय उसकी आंखें झुक जाती हैं। सच्चे दानी की यही पहचान है कि वह निरभिमानी और विनीत होता है।

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Rahim ke dohe रहीम के 25 प्रसिद्ध दोहे अर्थ व्याख्या सहित

25 Important परीक्षा में पूछे जाने वाले रहीम के दोहे :

अक्सर प्रतियोगी परीक्षाओं और विद्यालयी परीक्षाओं में रहीम के दोहे संबन्धित प्रश्न पूछे जाते हैं जिनमें मार्क्स लाना आसान होता है किन्तु सही जानकारी और अभ्यास के अभाव में अक्सर विद्यार्थी रहीम के दोहों के प्रश्न में अंक लाने में कठिनाई अनुभव करते हैं। हमने प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाने वाले रहीम के दोहों को अर्थ एवं व्याख्या सहित संग्रहीत किया है जिनका अभ्यास करके आप पूर्ण अंक प्राप्त कर सकते हैं।

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