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Rahim ke dohe तरूवर फल नहिं खात हैं, सरवर पियहिं न पान।

Rahim ke dohe in Hindi:

तरूवर फल नहिं खात हैं, सरवर पियहिं न पान।
कहि रहीम पर काज हित, संपति संचहिं सुजान।।

Taruvar fal nahin khat hain, sarvar piyahin na pan
Kahi rahim par kaj hit, sampati sanchahin sujaan

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रहीम के दोहे का अर्थ:

अपनी स्वार्थपूर्ति में तो सब लगे रहते हैं, किंतु जो परहित में लगा रहता है वही श्रेष्ठ जन है। दूसरों की हित साधना ही वास्तविक मानव धर्म है।

रहीम कहते हैं, हमें पेड़ व सरोवर से शिक्षा लेनी चाहिए। पेड़ अपने फल स्वयं नहीं खाता और न ही सरोवर अपना पानी स्वयं पीता है। दूसरों के लिए पेड़ फल उगाता है और सरोवर पानी का संचय करता है। अतः मनुष्य यदि अपनी आप स्वयं पर व्यय करता है तो इसमें कोई बढ़ाई की बात नहीं होती। दूसरे का काम संवारने के लिए जो मनुष्य संपत्ति का संचय करता है, वही श्रेष्ठ और सुजान है।

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Rahim ke dohe रहीम के 25 प्रसिद्ध दोहे अर्थ व्याख्या सहित

25 Important परीक्षा में पूछे जाने वाले रहीम के दोहे :

अक्सर प्रतियोगी परीक्षाओं और विद्यालयी परीक्षाओं में रहीम के दोहे संबन्धित प्रश्न पूछे जाते हैं जिनमें मार्क्स लाना आसान होता है किन्तु सही जानकारी और अभ्यास के अभाव में अक्सर विद्यार्थी रहीम के दोहों के प्रश्न में अंक लाने में कठिनाई अनुभव करते हैं। हमने प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाने वाले रहीम के दोहों को अर्थ एवं व्याख्या सहित संग्रहीत किया है जिनका अभ्यास करके आप पूर्ण अंक प्राप्त कर सकते हैं।

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