चंडीगढ़: भारतीय गणतंत्र दिवस २६ जनवरी पर मुख्य अतिथि के तौर पर भारत आये फ़्रांस के राष्ट्रपति ओलांद फ्रांस्वा का आज भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने हार्दिक स्वागत करते हुए कहा कि ओलांद के नेतृत्व में फ़्रांस ने संसार को आतंकवाद से लड़ने की प्रेरणा दी है । प्रधान मंत्री मोदी आज ओलांद फ्रांस्वा की उपस्थिति में आयोजित व्यापार शिखर (India France Business Summit) में बोल रहे थे । समिट में नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत और फ्रांस आतंवाद से मिलकर लड़ेंगे
प्रधान मंत्री ने फ़्रांस की आतंकवाद से लड़ने की जीजिविषा और संघर्ष के परिप्रेक्ष्य में कहा कि – “फ्रांस ने दुनिया को सिद्धांतों और प्रगति के मार्ग से हटे बिना आतंकवाद का मुकाबला करने का रास्ता दिखाया है । राष्ट्रपति ओलांद के भाषण को मैं सुन रहा था मैं उनके शब्दों में भारत के साथ काम करने के लिए उनकी उत्साह और आत्मविश्वास को देख सकता हूं। फ्रांस के साथ भारत की जो निकटता है, जो विश्वास पनपा है, वह आने वाले दिनों के लिए बहुत बड़ी धरोहर है।”
बिज़नेस समिट के दौरान फ़्रांस और भारत के बीच व्यापारिक और सामरिक संभावनाओं को जिक्र करते हुए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने ने कहा भारत और फ़्रांस एक साथ मिलकर इंफ्रास्ट्रक्चर, वाटरवेज और अनेकानेक क्षेत्रों में काम कर सकते हैं । उन्होंने कहा कि भारत और फ़्रांस के मध्य सहयोग की असीमित संभावनाएं हैं । नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर भारत की विशाल युवा एवं शिक्षित जनसंख्या का उल्लेख करते हुए विशेष रूप से कहा कि हम सुशासन (Good Governance) के आधार पर वैश्विक गुणवत्ता स्तर (Global Benchmark) तक पहुंचना चाहते हैं। उन्होंने इस लक्ष्य की प्राप्ति में फ़्रांस के सहयोग की अपेक्षा की ।
प्रधान मंत्री ने कहा कि आज के वैश्विक हालात में भारत और फ़्रांस एक दुसरे के स्वाभाविक पार्टनर हैं । नरेंद्र मोदी ने बिज़नेस समिट के दौरान कहा “आपके पास संसाधन हैं तो हमारे पास जरूरत और बाजार है । भारत और फ्रांस सामरिक क्षेत्र में साथ काम कर विश्व के सामने सहभागिता एवं सह-विकास की अप्रतिम मिसाल पेश कर सकते हैं।”
आज की फ़्रांस और भारत के मध्य यह बिज़नेस समिट काफी सफल रही और आशा के अनुरूप अनेकों क्षेत्रों में पारस्परिक सहयोग पर सहमति बनी । बिज़नेस समिट के दौरान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद की उपस्थिति में फ्रेंच और भारतीय कंपनियों के बीच 16 व्यापारिक समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। विशेषकर चंडीगढ़, नागपुर और पुडुचेरी को स्मार्ट सिटी (smart city) बनाने के लिए एमओयू (MOUs) पर हस्ताक्षर किये गए । इस अवसर पर फ्रांस की नौ कंपनियों के साथ ईपीआई समझौता भी हुआ।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत-फ्रांस सीईओ मंच से कहा कि भारत संपूर्ण विश्व समुदाय के लिए उम्मीद और विश्वास का एक स्रोत है। उन्होंने फ्रांसीसी उद्यमियों से सम्बोधित होते हुए कहा, “भारत विश्व में सबसे तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्था है। आपके उत्पादों के लिए हमारे पास श्रम और बाजार है।”
इस अवसर पर राष्ट्रपति ओलांद फ्रांस्वा ने प्रधान मंत्री मोदी की सराहना करते हुए कहा कि मोदी ने सीओपी21 सम्मेलन (COP २१ समिट) में निर्णायक भूमिका अदा की । ओलांद ने आगे कहा, “मेरी भारत यात्रा का मुख्य लक्ष्य दोनों देशों के बीच सामरिक संबंधों को और मजबूत बनाना है।” अपने अपने भाषणों में भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और फ़्रांस के राष्ट्रपति ओलांद फ्रांस्वा ने आतंकवाद और ग्लोबल वार्मिंग के क्षेत्र में साथ मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता भी जाहिर की।
प्रधान मंत्री ने कहा कि भारत और फ़्रांस के मध्य मधुर सम्बन्ध रहे हैं और उन्होंने आशा व्यक्त की कि राष्ट्रपति ओलांद की भारत यात्रा से भारत और फ़्रांस के पारस्परिक सम्बन्ध और प्रगाढ़ होंगे ।
फ्रांस चंडीगढ़ को स्मार्ट सिटी बनाना चाहता है. वह एक तकनीकी सर्वेक्षण कर रहा है, जिसका मक़सद दिल्ली-चंडीगढ़ के बीच सेमी-हाई स्पीड ट्रेन चलाना है।
अंतरर्रष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में राष्ट्रपति ओलांद की भारत यात्रा को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इससे अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में भारत कि छवि और अधिक निखरेगी और उसकी प्रतिष्ठा बढ़ेगी क्योकि फ्रांस न केवल यूरोप बल्कि सम्पूर्ण विश्व में एक बड़ी राजनीतिक, व्यापारिक और सामरिक शक्ति है।