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9 वजहें जो पार्टनर्स के आपसी संबंधों में दरार पैदा कर सकती हैं

कई बार हमें ऐसा लगता है कि अपने पार्टनर, पति-पत्नी या गर्लफ्रेंड-बॉयफ्रेंड हमारे रिश्तों में अब पहले जैसी बात नहीं रही। न तो पहले जैसी गर्माहट महसूस होती है ना ही पहले जैसा आकर्षण। बात दरअसल यह है कि कुछ कारण हैं जो हमारे संबंधों की प्रगाढ़ता पर असर डालते हैं, जो पार्टनर्स के आपसी संबंधों में दरार पैदा कर सकती हैं। अच्छे-खासे पनपते सम्बन्धों में खटास लाने वाले कारण कुछ खास नहीं बल्कि बहुत ही मामूली हैं जिनको अवॉयड करके या सुधार कर हम फिर से संबंधों में नयी गर्मजोशी ला सकते हैं। इन कारणों में से उनमें से नौ मुख्य कारण यहाँ दिये जा रहे हैं:

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1. अपने पार्टनर से दूरी बन जाना

किसी भी सम्बन्ध को अच्छा बनाये रखने के लिए आपसी बातचीत का जारी रहना बहुत जरूरी हैं। पर इसके लिए जरूरी नहीं कि आप हर समय एक दूसरे के सामने हों। कई बार आप काम के सिलसिले में बाहर हो सकते हैं, आपके जीवन का कोई खास टारगेट हो सकता हैं या आप पढ़ाई में इतने व्यस्त हैं कि एक शहर में रहते हुए भी आप अपने साथी को मिलने का समय न निकाल पा रहे हों और इसका आपसी संबंधों पर पड़ रहा हों।

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आजकल ऐसे कई तरीके हैं जिनका उपयोग करते हुये आप जहाँ हों, वहीे से अपनी बातें, अपने विचार अपने साथी के साथ साझा कर सकते हैं। अगर आप ऐसा नहीं करेंगे तो दूरी की अदृश्य दीवार बीच में आते समय नहीं लगेगा जिसके कारण आपके सम्बन्ध नेगेटिवली इम्पैक्ट हो सकते हैं।

दूर से किसी सम्बन्ध को निभाने की राह आसान नहीं है। अपने सम्बन्ध को लेकर इस राह में आपको ईष्र्या या अनिश्चितता भी हो सकती है। इस सम्बन्ध में आगे बढ़ने से पहले आप यह जरूर देख लें कि आप दूर से सम्बन्ध निभाने के लिए तैयार हैं भी या नहीं ?

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2. अपने साथी की असलियत का सामने आ जाना

आपने कई किस्से सुने होंगे कि ”शुरुआत में तो वह इतनी अद्भुत थी लेकिन 6 महीनों में पता नहीं क्या हुआ कि वह एक बुरे सपने सी लगने लगी!“ या ”शुरु में तो वह इतना प्यारा लगता था लेकिन अब जाके पता चला की उसकी सोच कितनी घटिया है!“

बहुत ही स्वाभाविक सी बात है कि किसी भी व्यक्ति को ठीक-ठाक रूप से जानने के लिए कम से कम छः महीने का समय तो लगता ही है। शुरु में तो हमें व्यक्ति का एक ही पक्ष नज़र आता है जो हमें आकर्षित करता है लेकिन यह आवश्यक है कि किसी भी रिश्ते को लाॅंग टाईम तक निभाने के लिए आप उस व्यक्ति के अन्य पहलुओं को भी जान लें। इससे या तो आपका रिश्ता मजबूत बनेगा या फिर आपको अपने रिश्तों में पड़ती दरार नज़र आ जायेगी।

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धीरे-धीरे एक दूसरे को समझ कर आगे बढ़ने में ही समझदारी होती है, नहीं तो सम्बन्ध टूट भी सकता है।

3. आपसी रिश्तों में झूठ, बेईमानी और धोखेबाजी

अगर आप जानना चाहते हैं कि किसी भी रिश्ते को एकदम कैसे बर्बाद किया जाये तो बस आप अपने साथी से झूठ बोलिये, उसे धोखा दीजिये या कुछ ऐसा बर्ताव कीजिये कि आप शक के दायरे में आ जायें। बस वहीं से आपके रिश्ते में दरार पड़नी शुरु हो जायेगी। विश्वास आपके साथी को आपके प्रति पाॅजि़टिव रखता है।

लेकिन यही विश्वास अगर टूट जाये तो आपके सम्बन्ध भी टूटने की कगार पर आ सकते हैं। यदि आपका साथी आपसे झूठ बोल रहा है तो इसका मतलब यह है कि वह आपको अपने चरित्र का या आपके प्रति अपनी सोच का नमूना पेश कर रहा है।

4. आलसी और सुस्त पार्टनर

जैसा हमने ऊपर बताया, शुरु में तो सब कुछ बहुत अच्छा होता है या लगता है। हम अपने साथी को खुश करने के लिए कई चीजें प्लान करते हैं। लेकिन जब हम उसके साथ सहज हो जाते हैं तो ये सब चीजें भूल जाते हैं।

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कैसे हम घूमने का प्लान बनाते थे, कैसे कोई रात बाहर जाने का प्लान बनाते थे, ये सब चीजें अब मायने नहीं रखतीं जो कि सम्बन्ध को बिगाड़ने की सबसे बड़ी गलतियों में से एक है। क्या वह व्यक्ति अब आपके लिए खास नहीं, क्या अब आपका मन नहीं करता कि शुरुआती दिनों की तरह आप घूमने का प्लान बनायें, एक दूसरे को अपने विचारों के बारे में बतायें या अपनी जिम्मेदारियों को साझा करें ?

इन छोटी-छोटी बातों से ही सम्बन्ध गड़बड़ाने लगते हैं।

5. जब बात-बात पर पार्टनर्स एक-दूसरे की आलोचना करने लगें

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अपने साथी की गलत प्रकार से आलोचना की भी सम्बन्धों को बिगाड़ने मे एक अहम् भूमिका होती है। नकारात्मक आलोचना एक अच्छे और स्वस्थ रिश्ते को पल भर में बबार्द कर सकती है। एक फलते-फूलते रिश्ते में नेगेटिव बातों के लिए कोई स्थान नहीं होता. एक अच्छे सम्बन्ध में दोनों व्यक्तियों को एक दूसरे के मनोबल को उठाना होता है न कि उसे तार-तार करना।

6. पार्टनर्स के जीवन की दिशाओं का अलग हो जाना

कुछ समय के लिए ऐसा लगता है कि हम और हमारे पार्टनर्स की भविष्य को लेकर एक ही सोच है। लेकिन कुछ समय बाद हो सकता है आपमें से किसी एक साथी को किसी दूसरे शहर में नौकरी मिल जाये, या आप स्टडीज़ में अपना ध्यान लगाना चाहते हों, परिस्थिति कुछ भी हो सकती है।

फलस्वरूप आपको एक-दूसरे से दूर रहना पड़ सकता है और शायद आप एक दूसरे को इतना समय न दे पायें। लेकिन एक दूसरे पर उंगली उठाने की बजाय इन परिस्थितियों को स्वीकार करें और यह मान लें कि कि हर सम्बन्ध आखिर तक निभाने के लिए तो नहीं होता। इन चीजों से सबक लें और आगे बढ़ें।

7. शारीरिक सम्बन्धों में जल्दबाजी

किसी भी सम्बन्ध को लम्बा चलाने के लिए स्वस्थ भावनात्मक रिश्ते का पनपना बेहतर होता है। रिश्ते के प्रति समर्पित होने में जल्दबाजी काम नहीं आती। ऐसे में यदि फिजि़कल सम्बन्ध जल्द बन जायें तो वे रिश्ते को पनपने का मौका नहीं देते। एक दूसरे के साथ शारीरिक सम्बन्ध स्थापित करने पर आपको कई अनचाही जिम्मेदारियां उठानी पड़ सकती हैं और आप टेंशन भी महसूस कर सकते है जो रिश्तों को आगे बढ़ाने में बाधक साबित हो सकता है।

8. एक दूसरे से अवास्तविक उम्मीदें पालन जैसी परी-गाथाओं की कल्पना में होता है

किसी भी लड़की का अपने साथी को ”राजकुमार“ मानना और किसी लड़के का यह सोचना कि उसकी गर्लफ्रेंड ”कुछ गलत नहीं करेगी“, यह सब रोमान्स की दुनिया की झूठी कल्पनायें हैं ।

हर सम्बन्ध को आगे बढ़ाने के लिए समझोतों, आपसी समझ और बहुत सारी मेहनत की जरूरत होती है। वास्तविकता यही है। परी-कथायें कुछ और ही होती हैं। इसलिए यथार्थ में जीना सीखियें और सभी चीजों को अच्छी तरह से देख-भाल कर ही उसके साथ सम्बन्ध जारी रखने के बारे में कोई डिसिज़़न लें.

9. पार्टनर की भावनाओं का बोझ न उठा पाना

हर व्यक्ति के अन्दर कुछ न कुछ न कुछ इमोशनल एरिया रहता है। चाहे वह आपके बचपन से जुड़ा हो या आपके पुराने सम्बन्ध से। आपके पार्टनर के जीवन में या उसके भूतकाल में कुछ ऐसे भावनात्मक मुद्दे हो सकते हैं जो अनसुलझे हों और हो सकता है कि ये आपके सम्बन्धों की राह का रोड़ा बन जायें।

इसलिए बेहतर होगा कि आप अपनी कुशलता से अपने साथी के भावनात्मक भार को समझें और कुशलता के साथ उनसे अपने साथी को उबारें और खुद भी उससे बचे रहें। नहीं तो इमोशचल टच आपके रिश्तों को मजबूत नहीं होने देगा।

(सम्बन्ध, साथी, रिश्ता, रिश्ते, वास्तविकता, आलोचना, इमोशनल)

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