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Friendship Dosti Essay in Hindi | दोस्ती पर निबंध

Friendship Dosti Essay in Hindi for class 5/6 in 100 words दोस्ती पर निबंध

एक अच्छी दोस्ती तथा उससे बनने वाले अच्छे दोस्तों के साथ हमारा समय बहुत अच्छा बीतता है। जो लोग हमारी पसन्द के होते हैं उनसे हमारी दोस्ती हो जाती है। दोस्ती के कारण ही हमें बहुत सारे दोस्त मिलते हैं जिनके साथ हम खूब खेलते-कूदते, मौज मस्ती करते और बहुत सारी शरारते भी करते हैं। दोस्ती के कारण ही हम एक-दूसरे का साथ देने तथा अपनी चीजों को अपने दोस्तों के साथ शेयर करना भी सीखते हैं। बस हमें एक बात ध्यान रखनी चाहिए कि हम अपनी दोस्ती सही व्यक्तियों के साथ ही करें।

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Friendship Dosti Essay in Hindi for class 7/8 in 200 words दोस्ती पर निबंध

वह रिश्ता जो किसी के भी साथ हो जाये दोस्ती कहलाता है। यह एक बहुत ही भरोसेमंद रिश्ता होता है। मित्रता उम्र, अमीर, गरीब आदि को ध्यान में रख कर नहीं की जाती यह तो बस हो जाती है। दोस्ती का रिश्ता अपने किसी सगे-सम्बन्धी से भी ज्यादा करीब का रिश्ता होता है। जो भी आपको समझने वाला मिला जिसे आप भी समझते हो तो एक-दूसरे के लिए मित्रता का भाव पैदा हो ही जाता है। हांलाकि, आम तौर पर यह समान लिंग एवं आयु में ज्यादा देखने को मिलती है पर यह आवश्यक नही। यह एक विचारधारा वाले भिन्न लिंग एवं आयु के साथ भी विकसित हो सकती है। कई बार देखा गया है कि दो दोस्तों में एक-दूसरे से भिन्नता होते हुए भी अच्छी दोस्ती होती है और वे दूसरे के बिना खुद को अधूरा पाते हैं। यह उनके एक-दूसरे के व्यवहार में भिन्नता का आकर्षण होता है जो उन्हें अच्छी दोस्ती बनाये रखने में सहायता करता है।

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हर व्यक्ति को अपने सुख-दुख बांटने के लिए कोई न कोई चाहिये ही होता है और वह किसी मित्र से बेहतर कोई नहीं हो सकता। भरोसेमंद दोस्ती में बढ़कर कोई रिश्ता नहीं है जहाँ हम अपनी अच्छी-बुरी भावनाओं के बांट सकते हैं। इस प्रकार अपनी भावनाओं को साझा करके व्यक्ति कुंठित नहीं होता और उसका मानसिक स्वास्थ्य भी स्वस्थ रहता है।

Friendship Dosti Essay in Hindi for class 9/10 in 500 words दोस्ती पर निबंध

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दोस्ती एक मूल्यवान रिश्ता है। जिसके पास सच्चा दोस्त है वह व्यक्ति खुशकिस्मत है। भले ही आपके साथ दुनिया-जहान की दौलत और सुख-सुविधायें हैं पर यदि सच्चा दोस्त नही आप मानसिक रूप से संतुलित नहीं रह सकते। इंसान को अपना सुख-दुख बांटने वाला सच्चा दोस्त चाहिये ही होता है। ऐसी बातें जिन्हें वह अपने परिवार से साझा नहीं कर सकता, दोस्त के साथ साझा कर मानसिक कुंठा से बच जाता है और स्वस्थ जीवन जीता है। यदि ऐसा न हो तो उसका जीवन संतोष के साथ नहीं बीत सकता और वह सदा बेचैन रहेगा। सच्चा दोस्त हमारी संवेदनाओं को समझता है और हमें उनसे उबारने में हमारी सहायता करता है।

दोस्ती किसी से भी हो सकती है, चाहे वह सहकर्मी हो, सहपाठी, रिश्तेदार या पड़ोसी। सच्ची दोस्ती न उम्र देखती है, न रूप-रंग और न धन। यह एकमात्र ऐसा रिश्ता है जिसे व्यक्ति स्वयं चुनता है बाकी सारे रिश्ते तो हमें परिवार से मिलते हैं। यह रिश्ता ऐसा जो बिना किसी मतलब के निभाया जाता है। जीवन में सच्ची दोस्ती पाना कोई आसान काम नहीं हैं लेकिन जब ऐसा मित्र मिल जाये तो कोई भी अपनी सच्ची दोस्ती किसी भी कीमत पर खोना नहीं चाहता। सच्ची दोस्ती में हम अपने मित्र की भलाई के लिए सब कुछ न्यौछावर कर देना चाहते हैं। दोस्ती में दोस्त एक-दूसरे की बुराई की चिंता किये बगैर अपने दोस्त को नकारात्मकता से सकारात्मकता की ओर अग्रसर करने में सहायता करते हैं। दोस्ती में हम एक-दूसरे का ध्यान रखते हैं और अपने दोस्त की भलाई के लिए कुछ भी करने को तत्पर रहते हैं।

कुछ दोस्ती तो ऐसी होती हैं जो बुढ़ापे तक चलती हैं और बुढ़ापे में एक-दूसरे का सहारा तक बनती हैं। दोस्ती हमें जीवन में कई प्रकार के खट्टे-मीठे अनुभव देती है जिससे हम सीख लेते हैं। कुछ लोग चापलूसी कर अपने लाभ के लिए अच्छा दोस्त होने का नाटक करते हैं। लेकिन सच्चा दोस्त हमेशा बिना चापलूसी के बातें करता है और हमारी गलतियों पर हमें टोक भी देता है। एक दूसरे का ध्यान रखने और सहायता करने से यह रिश्ता और भी मजबूत होता है। हमें सच्चा दोस्त के चयन में सावधान रहना चाहिये। सच्चा मित्र हमें कभी भी गलत राह की ओर ले जाने के प्रेरित नहीं करेगा। यदि आपका मित्र आपको गलत राह पर ले जा रहा है तो सावधान हो जाइये और दूरी बना लीजिये क्योंकि सच्ची दोस्ती के लिए एक-दूसरे पर भरोसा कि मेरा दोस्त मेरे लिए कुछ गलत नहीं करेगा और समर्पण अति आवश्यक है।

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कई बार हमारी दोस्ती हमारे अहम या आत्म सम्मान के कारण टूट जाती है और हम अच्छा दोस्त खो देते हैं। लेकिन अपने अहम को अपने दोस्त से बड़ा न समझें और दोस्त को ज्यादा महत्व देते हुए अपनी दोस्ती को सुरक्षित रखने की भरपूर कोशिश करें क्योंकि एक बार दरार आ जाने पर दुबारा वही विश्वास जुटाना असम्भव होता है।

एक सच्चा दोस्त मिलना ईश्वर का सबसे सुंदर और बहुमूल्य उपहार है। दोस्ती किसी भी व्यक्ति के जीवन में एक खम्बे का काम करती है जो उसे नाजुक समय में दृढ़ता से खड़े रहने में सहायता करती है और जीवन के ऊँचे-नीचे समय में सहायता करती है। इसलिए जो व्यक्ति दोस्ती की कदर करता है वह अपने जीवन में खुशाल रहता है।

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