Advertisement

करोड़ों की संपत्ति छोड़ युवा जैन दम्पति लेंगें दीक्षा

नीमच. मप्र के एक जैन युवा (श्वेताम्बर) दम्पति ने अपनी तीन साल की बेटी और लगभग 100 करोड़ की सम्पति त्यागकर सन्यासी होकर संत और साध्वी जीवन जीने का निर्णय लिया है. यह दीक्षा 23 सितम्बर को साधुमार्गी जैन आचार्य रामलाल जी महाराज के सानिध्य में गुजरात के सूरत शहर में दी जाएगी.

Advertisement

नीमच के प्रतिष्ठित कारोबारी नाहरसिंह राठौर के पोते सुमित राठौर (35) और गोल्डमेडल के साथ इंजीनियरिंग करने वाली उनकी पत्नी अनामिका (34) आत्म कल्याण के मार्ग चलने का फैसला लेते हुए 23सितम्बर को एक धार्मिक कार्यक्रम में सन्यास लेने जा रहे हैं. इनकी शादी चार साल पहले ही हुई है. भरे-पूरे संपन्न संयुक्त परिवार के साथ इनकी दो साल 10 महीने की बेटी इभ्या भी है.दोनों के परिवार तुरंत सूरत पहुंच गए और दोनों को समझाया तथा तीन साल की बेटी का हवाला देते हुए इजाजत नहीं दी.

इससे पिछले माह उनकी दीक्षा टल गई, लेकिन इसके बाद सुमित और अनामिका दोनों अपने सन्यास लेने के निर्णय पर अडिग़ रहे. इस मामले जानकारी देते हुए साधुमार्गी जैन श्रावक संघ नीमच के सचिव प्रकाश भंडारी ने बताया कि नीमच के बड़े कारोबारी घराने के इस परिवार की 100 करोड़ से भी अधिक की संपति है और परिवार के काफी समझाने के बावजूद युवा दम्पति सन्यास लेने के अपने निर्णय पर अडिग है.

Advertisement

उल्लेखनीय है किसूरत में गत 22 अगस्त को सुमित ने आचार्य रामलाल की सभा में खड़े होकर कह दिया कि मुझे संयम लेना है. प्रवचन खत्म होते ही हाथ से घड़ी आदि खोलकर दूसरे व्यक्ति को दे दिए और आचार्य के पीछे चले गए. आचार्य ने दीक्षा लेने के पहले पत्नी की आज्ञा को जरूरी बताया. वहां मौजूद अनामिका ने दीक्षा की अनुमति देते हुए आचार्य से स्वयं भी दीक्षा लेने की इच्छा जाहिर की. इस पर आचार्य ने दोनों को दीक्षा लेने की सहमति दी.

 

Advertisement
Advertisement