प्रभावित जिलों में बचाव कार्य के लिए
♦1152 जवान
♦118 नौकाएं
♦446 जवान
♦28 एनडीआरएफ की टीम
♦16 एसडीआरएफ की 6 टीम
♦630 जवान
पटना। बिहार में सभी प्रमुख नदियों के लगातार बाढ़ पर रहने से 18 जिलों में बाढ़ में अब तक एक करोड़ 22 लाख लोग प्रभावित हुए हैं वहीं मरने वालों की संख्या 202 तक पहुंच गई है। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि गंगा सहित राज्य के दस प्रमुख नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर रहने से 18 जिले पूर्णिया, किशनगंज, अररिया, कटिहार, मधेपुरा, सुपौल, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण , दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, शिवहर, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, सहरसा, खगड़िया, सारण और समस्तीपुर बाढ़ की चपेट में हैं। इस भीषण बाढ़ से अब तक एक करोड़ 22 लाख लोग प्रभावित हुए हैं।
सूत्रों ने बताया कि बाढ़ से सबसे अधिक 16.64 लाख लोग पूर्वी चंपारण में प्रभावित हुए हैं। वहीं पूर्णिया में प्रभावित हुए लोगों की संख्या 10.5 लाख, अररिया में 15.5 लाख, कटिहार में 12.42 लाख, दरभंगा में 8.05 लाख, सुपौल में 3.75 लाख, पश्चिमी चंपारण में 7.19 लाख, मुजफ्फरपुर में 4.18 लाख, किशनगंज में 10.1 लाख, मध्य पूरा में 1.05, सीतामढ़ी में 15.5 लाख, गोपालगंज में 3.44 लाख, शिवहर में 1.05 लाख, मधुबनी में 7.65 लाख, सहरसा में 2.33 लाख, खगड़िया में 92 हजार, सारण में 98 हजार और समस्तीपुर में 31 हजार है।
सूत्रों ने बताया कि बाढ़ से प्रभावित इन जिलों में अब तक मरने वालों की संख्या 202 तक पहुंच गई है। इस दौरान सबसे 42 लोगों की मौत अररिया जिले में हुई है। वहीं, सीतामढ़ी में मरने वालों की संख्या 31, पश्चिमी चंपारण में 29, सुपौल में 13, मधुबनी में 12, किशनगंज और पूर्वी चंपारण में 11-11, दरभंगा में 10, पूर्णिया और मधेपुरा में नौ नौ, कटिहार में सात, शिवहर , गोपालगंज और सहरसा में चार, खगड़िया में तीन, सारण में दो और और मुजफ्फरपुर में एक हो गया है।
सूत्रों ने बताया कि बाढ़ से प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम युद्धस्तर पर चल रहा है और अब तक कुल 1336 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं, जिसमें चार लाख 22 हजार 106 लोगों ने शरण ली है। राहत शिविर में न रहनेवाले बाढ़ पीड़ितों के लिए 1879 समुदाय रसोई चलाए जा रहे हैं। प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक दवाओं, विरंजन पाउडर और सांप काटने से संबंधित दवा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करा दी गई हैं। वहीं प्रभावित पशु टीकाकरण और चारे का भी प्रबंध किया जा रहा है।
प्रभावित जिलों में राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी रखने के लिए जहां 1152 जवान और 118 नौकाओं के साथ एनडीआरएफ की 28 टीम, 446 जवान और 92 नावों के साथ एसडीआरएफ की 16 टीम लगी हुई है वहीं 630 जवान और 70 नावों के साथ सेना की सात कंपनियां लगातार के साथ लगातार काम कर रही हैं।