Gauraiya aur Tota kahani
किसी पेड़ पर एक तोता और उसकी मां रहते थे। उसी पेड़ पर एक गौरेया आती जाती थी। उसने तोते से मित्रता भी कर ली थी। तोता गौरेया की चहचहाहट सुनकर बहुत प्रसन्न होता। एक दिन वह अपनी मां से बोला- ”यह गौरेया कितनी अच्छी है। यह मेरी मित्र है।“ इस पर उसकी मां ने उसे चेतावनी देते हुए कहा- ”आज तुम उसे पसंद करते हो। मगर जब जाड़े का मौसम आएगा तो वह तुम्हें छोड़ कर किसी गरम प्रदेश में चली जाएगी, इसलिए उससे मित्रता न करो।“
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निष्कर्ष- मित्रता उसी से करो जो तुम्हारा साथ निभा सके।
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