दिल्ली.प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा हाल ही में किए गए मोदी कैबिनेट में विस्तार एवं फेरबदल के बाद देश की नई रक्षा मंत्री बनी निर्मला सीतारमण ने विधि-विधान के साथ पूजा पाठ के बाद रक्षा मंत्रालय में अपना कार्यभार संभाल लिया है. इसके साथ ही निर्मला सीतारमण देश की पहली पूर्णकालिक महिला रक्षा मंत्री बन गई हैं. पत्रकारों को अपने पहले बयान में में कहा कि ”मैं रक्षा मंत्री के तौर पर सेनाओं के आधुनिकिरण और सैनिकों के कल्याण के लिए काम करूँगीं.”
कार्यभार संभालने के पहले एक पुजारी ने रक्षा मंत्री के चैंबर में पूजा अर्चना कराई. निर्मला ने कार्यभार संभालने के बाद वहां मौजूद वरिष्ठ अधिकारियों से संक्षिप्त बातचीत की. वह देश की पहली पूर्ण कालिक महिला रक्षा मंत्री हैं और इस महत्वपूर्ण पद को संभालने वाली दूसरी महिला हैं.इससे पहले सत्तर के दशक में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पास यह मंत्रालय था। वैसे भी उनके पास मात्र डेढ़ साल ही काम करने के लिए है क्यूंकि मोदी सरकार के कार्यकाल के करीब साढ़े तीन साल तो गुज़र चुके हैं.
देश की पहली पूर्णकालिक महिला रक्षा मंत्री के तौर पह निर्मला सीतारमण ने सेना के आधुनिकीकरण से जुड़ा फैसला लिया है. पदभार संभालने के तुरंत बाद मीडिया को संबोधित करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि वे रक्षा मंत्री के तौर पर सेनाओं के आधुनिकिरण और सैनिकों के कल्याण के लिए काम करेंगी.पदभार संभालने के तुंरत बाद ही ही निर्मला सीतारमण रक्षा मंत्रालय के करीब डीआरडीओ हेडक्वार्टर में केन्द्रीय पुलिसबलों को जरूरी साजों-सामान देने के एक कार्यक्रम में पहुंच गईं, जिसमें गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी शिरकत की. ये सभी हथियार, राइफल, बुलेट प्रुफ जैकैट, बुलेटप्रुफ बस, एटीवी भारत में ही मेक इन इंडिया के तहत तैयार की गई हैं. कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होनें मेक इन इंडिया पर जोर दिया.
हालांकि जिस दिन मोदी सरकार ने नए मंत्रिमंडल के सदस्यों के नाम की घोषणा की, उनका नाम (और मंत्रालय) 26वें नंबर पर था और सिर्फ अल्पसंख्यक मामलों को मंत्रालय ही उनसे नीचे था. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये है कि देश की रक्षा और सुरक्षा को निर्मला सीतारमण कैसे सर्वोपरि रख पाएंगी. क्योंकि इस वक्त देश जिस दौर से गुजर रहा है उसमें रक्षा मंत्री का कार्य बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है.