गोरी एक साप्ताहिक मैगज़ीन ‘लंकेश पत्रिके’ संपादक और दक्षिणपंथी विचारधारा के ख़िलाफ़ बरसों से एक मिशन के तौर पर काम कर रही थीं
परवीन अर्शी
बेंगलुरु: वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की मंगलवार रात को गोली मारकर हत्या कर दी गई. गोरी एक साप्ताहिक मैगज़ीन ‘लंकेश पत्रिके’ संपादक और दक्षिणपंथी विचारधारा के ख़िलाफ़ बरसों से एक मिशन के तौर पर काम कर रही थीं. वे मानवाधिकार के लिए भी सक्रिय थीं. पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है. शहर के राजा राजेश्वरी इलाके में गौरी लंकेश के घर में घुसकर बदमाशों ने उन पर हमला किया. हमले में शामिल बदमाशों की संख्या चार बताई जा रही है. बदमाशों ने काफी करीब से गौरी लंकेश को गोलियां मारी. इस वारदात में गौरी की मौके पर ही मौत हो गई. गौरी अखबारों में कॉलम लिखने के साथ टीवी न्यूज चैनल डिबेट्स में भी शामिल होती थीं. लंकेश के भाई इंद्रजीत ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग की है.
कर्नाटक के पुलिस प्रमुख आरके दत्ता ने बताया कि बेंगलुरु के राज राजेश्वरी नगर स्थित लंकेश के निवास के बाहर ही अज्ञात लोगों ने उन्हें गोली मारी है. दत्ता ने बताया कि हाल की उनकी मुलाकातों में गौरी ने कभी भी अपनी जान को खतरा होने की बात नहीं कही थी. जब उनसे पूछा गया कि गौरी लंकेश की हत्या कौन कर सकता है, तो उन्होंने कहा कोई भी अनुमान लगाने से मना कर दिया. कर्नाटक के गृह मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने गौर की हत्या पर दुख जताते हुए कहा कि यह बहुत ही चिंताजनक घटना है.
सोशल साइट ट्विटर पर भी वरिष्ठ पत्रकार की हत्या को लेकर खासी चर्चा हुई. मीडिया की प्रख्यात हस्ती वीर सांघवी ने कहा कि वह बतौर मित्र और प्रशंसक बेहद स्तब्ध हैं. वहीं, नेशनल कांफ्रेंस के नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि अगर यह भाजपा शासित राज्य में हुआ होता तो लिबरलों ने इमरजेंसी, असहिष्णुता और फासीवाद का रोना शुरू कर दिया होता. जबकि वकील प्रशांत भूषण ने ट्वीट किया कि बहादुर पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या बेहद दुखद और स्तब्ध करने वाली है.
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी कपिल सिब्बल, केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, जावेद अख्तर सहित कई बॉलीवुड हस्तियों ने भी महिला पत्रकार की हत्या पर शोक व्यक्त किया. कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने ट्वीट किया, ‘गौरी की हत्या उन लोगों को चुप कराने का प्रयास है, जो विपरीत विचार रखते हैं. यह दुर्भाग्यपूर्ण है.’ केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने पत्रकार की हत्या पर शोक व्यक्त किया है. दिल्ली में प्रेस क्लब ऑफ इंडिया और विमन्स प्रेस क्लब (आईडब्ल्यूपीसी) ने वरिष्ठ पत्रकार गौरी की हत्या की कड़े शब्दों में निंदा की है.
ये पत्रकार भी हुए शहीद
•बिहार में शहाबुद्दीन के गुंडों ने 13 मई 2016 को सीवान में हिंदी दैनिक हिन्दुस्तान के पत्रकार राजदेव रंजन की गोली मारकर हत्या की थी.
•मई 2015 में मध्य प्रदेश में व्यापम घोटाले की कवरेज करने गए आजतक के विशेष संवाददाता अक्षय सिंह की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी.
•जून 2015 में मध्य प्रदेश में बालाघाट जिले में अपहृत पत्रकार संदीप कोठारी को जिंदा जला दिया गया.
•साल 2015 में ही उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में पत्रकार जगेंद्र सिंह को जिंदा जला दिया गया.
•साल 2013 में मुजफ्फरनगर दंगों के दौरान नेटवर्क18 के पत्रकार राजेश वर्मा की गोली लगने से मौत हो गई.
•आंध्रप्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार एमवीएन शंकर की 26 नवंबर 2014 को हत्या कर दी गई.
•27 मई 2014 को ओडिसा के स्थानीय टीवी चैनल के लिए स्ट्रिंगर तरुण कुमार की बड़ी बेरहमी से हत्या कर दी गई.
•हिंदी दैनिक देशबंधु के पत्रकार साई रेड्डी की छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में संदिग्ध हथियारबंद लोगों ने हत्या कर दी थी.
•महाराष्ट्र के पत्रकार और लेखक नरेंद्र दाभोलकर की 20 अगस्त 2013 को मंदिर के सामने उन्हें बदमाशों ने गोलियों से भून डाला.
•रीवा में मीडिया राज के रिपोर्टर राजेश मिश्रा की 1 मार्च 2012 को कुछ लोगों ने हत्या कर दी थी.
•मिड डे के मशहूर क्राइम रिपोर्टर ज्योतिर्मय डे की 11 जून 2011 को हत्या कर दी गई. वे अंडरवर्ल्ड से जुड़ी कई जानकारी जानते थे.