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पठानकोट आतंकी हमले की जांच पर पाकिस्तान का ढुलमुल रवैय्या, भारत से मांगे और सबूत

पिछले महीने भारत के पठानकोट एयरबेस पर हुए आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान द्वारा सकारात्मक रूख दिखाते हुए जांच में पूरा सहयोग देने की बात कहीं गई थी . शुरूआती दौर में ऐसा लगा भी कि पाकिस्तान आतंकवादी घटना की जांच को लेकर सीरियस है.  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पाकिस्तान यात्रा को लेकर दोनों में समन्वय के कयास भी लगाए जा रहे थे. पाकिस्तान द्वारा सईद को नजरबन्द भी किया गया और भारत द्वारा सौंपे गए सबूतों पर गहराई से जांच भी करने की बात की गई .

लेकिन जैसे जैसे वक़्त बीतता जा रहा है पाकिस्तान अपने ढुलमुल रवैय्ये पर वापस लौटता दिखाई दे रहा है. पहले तो हाफ़िज़ सईद को गिरफ्तारी के बावजूद एक टीवी चैनल पर इंटरव्यू देते हुआ देखा गया जिससे पाकिस्तान सरकार के सईद को गिरफ्तारी  में रखने के वादे की कलई खुल गई . अब पाकिस्तान द्वारा पठानकोट आतंकी हमले की जांच के लिए और अधिक सबूतों की मांग कर दी गई है . ऐसे में विदेश नीति के जानकारों के अनुसार पाकिस्तान सरकार और नवाज शरीफ  एक बार फिर पाकिस्तानी सेना और आईएसआई के दबाव में आ गए हैं और जांच के नाम पर लीपा-पोती कर वाही पुराना राग दोहराया जायेगा जिसमें इन अांकवादी हमलों में पाकिस्तान का कोई रोल न होने की बात दोहराई जाएगी.

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पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक पठानकोट आतंकी हमलों की जाँच में जुटी टीम ने पाकिस्तान विदेश मंत्रालसे और अधिक सबूत मुहैय्या कराने का आग्रह किया है .

सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तानी जाँच दल ने भारत द्वारा दिए गए पाँचों सेलफोन नंबरों की जाँच कर ली है और पाया है कि वे अवैध और गैर-रजिस्टर्ड नंबर थे जिनका कोई अता-पता नहीं है क्यूंकि उनके जुडी पहचान आईडी नकली है .

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पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त के आतंकवाद निरोधी दस्ते के प्रमुख अतिरिक्त महानिदेशक राय  ताहिर के नेतृत्व में काम कर रही टीम पठानकोट आतंकी हमले के पीछे जैशे-मुहम्मद का हाथ होने की संभावनाओं की जांच कर रही है.

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