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ट्राई का फैसला:अब कम हो जाएगा आपका मोबाइल बिल

नई दिल्ली. दूरसंचार नियामक ट्राई ने मौजूदा दूरसंचार ऑपरेटरों को जबरदस्त झटका देते हुए इंटरकनेक्ट शुल्क की दरें करीब 58 फीसद घटा दीं।अब किसी ऑपरेटर का ग्राहक दूसरे नेटवर्क पर कॉल करेगा तो संबंधित ऑपरेटर को प्रति मिनट 6 पैसा देना होगा.

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ट्राई का ताजा आदेश दूरसंचार क्षेत्र की नई कंपनी रिलायंस जियो के लिए सबसे ज्यादा फायदे का सौदा है. इससे उसको सालाना करीब 2,500 से 3,000 करोड़ रुपये बचेंगे लेकिन एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया जैसे मौजूदा ऑपरेटरों के मुनाफे को चोट पहुंचेगी.

मोबाइल से मोबाइल पर कॉल करने पर अभी 14 पैसे प्रति मिनट का इंटरकनेक्ट शुल्क लगता है. लेकिन दूरसंचार नियामक के इस आदेश के बाद यह शुल्क 6 पैसे प्रति मिनट रह जाएगा.नई दरें 1 अक्टूबर से लागू होंगी. दो साल में यह शुल्क पूरी तरह से खत्म हो जाएगा.

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ट्राई ने इंटरकनेक्शन यूजेज चार्जेज (13वां संशोधन) नियमन जारी करते हुए स्पष्ट किया है कि 1 जनवरी, 2020 से देश में कहीं से किसी भी नेटवर्क पर फोन करने पर कोई इंटरकनेक्ट शुल्क नहीं लगेगा.

दूसरी तरह की कॉल पर इस समय कोई इंटरकनेक्ट शुल्क नहीं लगता है। फिर चाहे यह कॉल लैंडलाइन से मोबाइल पर की जाए या लैंडलाइन से लैंडलाइन पर। नियामक ने इसे शून्य पर बरकरार रखा है.

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इंटरकनेक्ट यूजर शुल्क का भुगतान इस समय एक ऑपरेटर दूसरे ऑपरेटर को अपने ग्राहक की कॉल पूरी करवाने के लिए देता है. ट्राई के इस कदम से दूरसंचार में कॉल दरें और कम हो सकती हैं. रिलायंस जियो के बीच यह शुल्क टकराव का मुद्दा बना हुआ था।

वोडाफोन ने कहा था कि इससे बड़े पैमाने पर मोबाइल साइटें बंद हो जाएंगी और ग्रामीण क्षेत्रों में कवरेज की समस्या बढ़ जाएगी.जियो की दस्तक के बाद मुनाफे में कमी से परेशान कंपनियों की परेशानी बढ़ गई है. भारती एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया सेल्युलर के ग्राहकों की संख्या 50 लाख घट गई है.

 

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