नयी दिल्ली. सरकार ने कर अधिकारियों को देश की निजी क्षेत्र की छह करोड़ कंपनियों में से तीन करोड़ को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने को कहा है. अभी एक करोड़ से भी कम निजी कंपनियां जीएसटी के दायरे में हैं. कर आधार बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री ने जीएसटी के दायरे में तीन करोड़ कंपनियों को लाने के लिए कहा है। अभी इस दायरे में करीब एक करोड़ कंपनियां हैं और तीन करोड़ का लक्ष्य हासिल कर पाना संभव है.
सूत्रों ने बताया कि सरकार ने कर अधिकारियों को आईटी प्रणाली में आ रही दिक्कतों को भी दूर करने के लिए कहा है. उसने कहा कि यह लक्ष्य कर अधिकारियों को दो दिन के दूसरे वार्षिक सम्मेलन में दिया गया. इस सम्मेलन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी संबोधित किया था. सूत्र ने कहा कि राजस्व ज्ञान संगम में प्रधानमंत्री का मुख्य जोर जीएसटी की ओर था कि कैसे अड़चन रहित व्यवस्था बनाई जाए, जिससे जीएसटी का लाभ जन-जन तक पहुंच सके.
लक्ष्य को हासिल करने के लिए आयकर और कॉरपोरेट कर जैसे प्रत्यक्ष करों को देखने वाले विभाग तथा जीएसटी और सीमा शुल्क जैसे अप्रत्यक्ष करों को देखने वाले विभाग के बीच स्थायी संपर्क प्रणाली एवं तत्काल सूचना का आदान-प्रदान किया जाना महत्वपूर्ण है. उसने कहा कि लक्ष्य को पाने के लिए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) और केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) के बीच आंकड़ों के आदान-प्रदान की व्यवस्था को परिचालन में लाया जाएगा.