Chahte Hain Apne Bacche Ki Tandurusti To Bazar Ki Cheezen Na Khila Kar Inhen Khilayen
यदि आप सच में अपने बच्चे को हष्ट-पुष्ट बनाना चाहते हैं तो आगे बताए जा रहे कुछ नुस्खे रोज़ाना अपनाएं, निर्देशानुसार इन्हें अपने बच्चे को यदि खिलाएंगे तो यकीनन आपका बच्चा हर बीमारी से दूर रहेगा।
ऑरेंज जूस बच्चों की सेहत के लिए सबसे अच्छा माना गया है, लेकिन यहां हम बाज़ार में उपलब्ध तैट्रा पैक वाले जूस की नहीं बल्कि फ्रेश संतरे से निकाले गए रस की बात कर रहे हैं। घर में स्वयं या फिर बाज़ार से जूस शॉप से ऑरेंज जूस बनवाकर रोज़ाना या फिर कम से कम एक दिन के अंतराल में अपने बच्चे को दें।
ऑरेंज जूस पतले बच्चों के वजन को बढ़ाने में मदद करता है। यदि बच्चे की हड्डियां कमज़ोर हैं या टेड़ी-मेड़ी हैं, तब भी ऑरेंज जूस लेना चाहिए। इसके अलावा आंतों के लिए भी नारंगी का जूस अच्छा होता है।
लहसुन का शायद नाम सुनते ही बच्चे आढ़े-टेढ़े मुंह बनाने लगते हैं। यदि दाल-सब्जी में उन्हें लहसुन दिखाई भी दे जाए तो उसे निकाल बाहर कर देते हैं या फिर खाना ही नहीं खाते। लेकिन लहसुन उनके लिए बहुत जरूरी है। लहसुन बच्चों को पतला होने से बचाता है और साथ ही शारीरिक ऊर्जा भी देता है। इसलिए कैसे भी करके बच्चों को लहसुन खिलाएं।
डॉक्टरों का मानना होता है कि यदि जन्म से 6 महीने तक बच्चे ने मां का दूध पीया हो तो आगे आने वाले कुछ वर्षों तक उसे कैल्शियम की कमी नहीं होती। लेकिन यदि आपको अपने बच्चे में कैल्शियम की कमी दिख रही है, वह थोड़ा खेलने के बाद ही थक जाता है या फिर उसके चेहरे पर सफेद दाग आ रहे हैं तो उसे नियमित दूध पिलाएं।
बच्चों के लिए आलू बहुत जरूरी है, किसी भी रूप में उन्हें आलू खिलाएं। चाहे उबाल कर खिलाएं या फिर सब्जी बनाकर। केवल आलू खाना ही नहीं, बल्कि आलू का रस भी बच्चों के लिए पौष्टिक माना गया है। इससे बच्चे मोटे-ताजे हो जाते हैं और पहले वाला पतलापन गायब हो जाता है।
अधिकतर बच्चे दही खाना पसंद नहीं करते, केवल दही ही क्यों… दूध से बनी अमूमन वस्तुओं से नफरत करते हैं बच्चे। लेकिन मां-बाप को यह हमेशा याद रखना चाहिए कि उन्हें दूध और दूध से बनी सारी चीज़ें खिलाएं। क्या आप जानते हैं कि मां के दूध के बाद दही ही बच्चों के लिए सर्वश्रेष्ठ आहार है। यदि किसी कारणवश नवजात बच्चे को मां का दूध नसीब ना हो, तो दही उसकी कमी को पूरा करता है।
बच्चों के लिए विभिन्न विटामिन और कैल्शियम की एक चौथाई ज़रूरतों को पूरा करता है ‘एक केला’। यदि किसी कारणवश आपका बच्चा दूध, सब्जियों या फिर अन्य पौष्टिक आहार को लेने से मना करता है, तो कम से कम उसे केला ज़रूर खिलाएं। यह उसके शरीर की उन सभी कमियों को दूर कर देता है जो पौष्टिक आहार ना लेने से उत्पन्न होती हैं।
टमाटर एक ऐसी चीज़ है जिसे हम केवल बच्चों के लिए नहीं, बल्कि उनकी माताओं के लिए भी सुझाना चाहते हैं। टमाटर को सीधा ही खाना या फिर उसका रस निकालकर पीना, दोनों ही सेहत के लिहाज से सही माने गए हैं।
नियमित रूप से टमाटर खाने वाले शिशु बीमारियों की चपेट में बहुत कम आते हैं। टमाटर शिशुओं के शारीरिक विकास के लिए अच्छा होता है, साथ ही यह कमज़ोर पाचन शक्ति को दुरुस्त बनाता है। यदि बच्चा दांत निकाल रहा हो तो टमाटर खिलाएं, इससे कम पीड़ा के साथ दांत आते हैं।