नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने सरकारी नौकरियों के लिए अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) में 6 लाख की वार्षिक आय सीमा सीमा को मंजूरी दे दी है। कैबिनेट की बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार ने मंत्रालय सामाजिक न्याय का यह विकल्प प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है, जिसमें ओबीसी के लिए क्रीमी लेयर की वार्षिक आय सीमा आठ लाख बढ़ाने की सिफारिश की है।
इस संबंध में, सामाजिक न्याय मंत्रालय ने एक साल पहले कैबिनेट को एक प्रस्ताव भेजा था, जिसका फैसला किया गया है। ओबीसी वर्ग में जिन लोगों की वार्षिक आय आठ लाख रुपये है, अब वह भी केंद्र सरकार की नौकरियों और शिक्षा के लिए प्रवेश में आरक्षण का लाभ प्राप्त कर सकेंगे।
बिहार में नीतीश कुमार की सफलता का एक बड़ा कारण यह था कि उन्होंने नए तरीके की सोशल इंजीनियरिंग करके पिछड़ों और दलितों के बीच में अति पिछड़ा और अति दलित का बंटवारा करके अपने वोट बैंक को मजबूत किया. इस फैसले से सबसे ज्यादा झटका उत्तर भारत में और खास तौर पर उत्तर प्रदेश और बिहार में यादव जाति के लोगों को लगेगा जो अभी तक अपनी मजबूत आर्थिक और सामाजिक हालात के कारन आरक्षण का फायदा लेने में अग्रणी रहते थे.
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने संविधान के अनुच्छेद 340 के तहत अन्य पिछड़ा वर्गो ओबीसी के उप वर्गीकरण के मुद्दे पर विचार के लिये एक आयोग गठित करने के प्रस्ताव को आज मंजूरी दे दी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के निर्णय को मंजूरी दी गई.यह आयोग अपने अध्यक्ष की नियुक्ति की तारीख से 12 सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट पेश करेगा. इस आयोग को अन्य पिछड़ा वर्गों के उप वर्गीकरण पर विचार करने वाले आयोग के नाम से जाना जायेगा.