लाहौर. पाकिस्तान में व्हाट्सएप पर ईशनिंदा से जुड़ा संदेश देने वाले एक ईसाई युवक को गुरुवार लाहौर की एक कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई. आरोपी युवक ने अपने मुस्लिम दोस्त को एक कविता भेजी थी, जिसमें इस्लाम का अपमान किया गया था. आरोपी नदीम जेम्स को पिछले साल जुलाई में उसके मुस्लिम दोस्त यासिर बशीर की शिकायत पर पुलिस ने पकड़ा था. पुलिस का कहना है कि जेम्स के फोन पर एक कविता मिली, जिसमें पैगंबर मुहम्मद के प्रति अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया गया है.
बचाव पक्ष के वकील अंजुम वकील का कहना है कि वह सजा के खिलाफ अपील करेंगे, क्योंकि जेम्स को बशीर ने फंसाया था. बशीर जेम्स के एक मुस्लिम लड़की से संबंधों को लेकर चिढ़ा हुआ था. कट्टरपंथियों ने जेम्स और उसके परिवार को मार डालने की धमकी दी थी, लिहाजा केस की सुनवाई जेल के अंदर ही हुई. बचाव पक्ष का कहना है कि उन्हें अपना पक्ष ठीक ढंग से रखने का मौका तक नहीं दिया गया.
ईशनिंदा इस्लामिक देश पाकिस्तान में संवेदनशील मुद्दा है. लेकिन ज्यादातर मामलों में ईशनिंदा को हथियार बनाकर बेकसूर लोगों को फंसाने की घटनाएं सामने आई हैं.ईसाई महिला आसिया बीबी अभी भी फांसी का खतरा झेल रही है. वर्ष 2014 में पंजाब में कुरान के अपमान का आरोप लगाते हुए भीड़ ने एक ईसाई जोड़े को पीट-पीट कर मार डाला था, बाद में मामला झूठा निकला. बलूचिस्तान की अब्दुल वली खान यूनिवर्सिटी के छात्र मशाल खान का मामला भी ऐसा ही थी.
पाकिस्तान में व्हाट्सएप पर भेजा ऐसा मैसेज कि मिली फांसी
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