Lakshmi ke sthayi nivas ke liye 10 jaruri cheeje
दीपावली – पूजन में प्रयुक्त होने वाली वस्तुएं एवं मांगलिक लक्ष्मी चिन्ह सुख, समृद्धि, ऐश्वर्य, शांति और उल्लास लाने वाले माने जाते हैं, इनमें प्रमुख इस प्रकार हैं
वंदनवार -आम या पीपल के नए कोमल पत्तों की माला को वंदनवार कहा जाता है। इसे दीपावली के दिन पूर्वी द्वार पर बांधा जाता है। यह इस बात का प्रतीक है कि देवगण इन पत्तों की भीनी भीनी सुगंध से आकर्षित होकर घर में प्रवेश करते हैं। ऐसी मान्यता है कि दीपावली की वंदनवार पूरे 31 दिनों तक बंधी रखने से घर परिवार में एकता व शांति बनी रहती है।
स्वास्तिक – लोक जीवन में प्रत्येक अनुष्ठान के पूर्व स्वास्तिक का चिन्ह बनाया जाता है। उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम इन चारों दिशाओं को दर्शाती स्वास्तिक की चार भुजाएं ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ और संन्यास आश्रमों का प्रतीक मानी गई हैं। यह चिन्ह केसर, हल्दी या सिंदूर से बनाया जाता है।
कौड़ी – लक्ष्मी पूजन की सजी थाली में कौड़ी रखने की प्राचीन परंपरा है, क्योंकि यह धन और श्री का पर्याय है। कौड़ी को तिजौरी में रखने में लक्ष्मी की कृपा सदा बनी रहती है।
तिलक – पूजन के समय तिलक लगाया जाता है ताकि मस्तिष्क में बुद्धि, ज्ञान और शांति का चावल घर में कोई काला दाग नहीं लगने देता।
पान और चावल – ये भी दीप पर्व के शुभ मांगलिक चिन्ह है। पान घर की शुद्धि करता है तथा चावल घर में कोई काला दाग नहीं लगने देता।
बताशे या गुड़ – ये भी ज्योति पर्व के मांगलिक चिन्ह है। लक्ष्मी पूजन के बाद गुड़ बताशे का दान करने से धन में वृद्धि होती है।
ईख – लक्ष्मी के ऐराव्रत हाथी की प्रिय खाद्य सामग्री ईख है। दीपावली के दिन पूजन में ईख शामिल करने से ऐराव्रत प्रसन्न रहते हैं। इससे रिश्तों व वाणी की मिठास घर में बनी रहती है।
ज्वार का पोखरा – दीपावली के दिन ज्चार का पोखरा घर में रखने से धन में वृद्धि होती है तथा वर्ष भर किसी भी तरह के अनाज की कमी नहीं आती। लक्ष्मी के पूजन के समय ज्वार के पोखरे की पूजा करने से घर में हीरे मोती का आगमन होता है।
रंगोली – लक्ष्मी पूजन के स्थान तथा प्रवेश व आंगन में रंगों के संयोजन के द्वारा धार्मिक चिन्ह कमल, स्वास्तिक कलश, फूलपत्ती आदि अंकित कर रंगोली बनाई जाती है। कहते हैं कि लक्ष्मी जी रंगोली की ओर जल्दी आकर्षित होती हैं।
माँ लक्ष्मी की स्थायी कृपा, धन प्राप्ति के लिए कुछ खास उपाय
1. सदैव याद रखें कभी भी किसी से कोई चीज मुफ्त में न लें , हमेशा उसका मूल्य अवश्य ही चुकाएं , कभी भी किसी व्यक्ति को धोखा देकर धन का संचय न करें , इस तरह से कमाया हुआ धन टिकता नहीं है , वह उस व्यक्ति और उसके परिवार के ऊपर कर्ज के रूप में चढ जाता है और ऐसा करने से व्यक्ति के स्वयं के भाग्य और उसके कर्म से आसानी से मिलने वाली सम्रद्धि और सफलता में भी हमेशा बाधाएँ ही आती है ।
2. हर एक व्यक्ति को चाहे वह अमीर हो या गरीब , उसका जो भी व्यवसाय / नौकरी हो अपनी आय का कुछ भाग प्रति माह धार्मिक कार्यों में अथवा दान पुण्य में अवश्य ही खर्च करें , ऐसा करने से उस व्यक्ति पर माँ लक्ष्मी की सदैव कृपा बनी रहती है , उसके परिवार में हर्ष – उल्लास और सहयोग का वातावरण बना रहता है तथा सामान्यता वह अपने दायित्वों के पूर्ति के लिए पर्याप्त धन अवश्य ही आसानी से कमा लेता है ।
3. स्त्रियों को स्वयं लक्ष्मी का स्वरुप माना गया है । प्रत्येक स्त्री को पूर्ण सम्मान दें । घर की व्यवस्था अपनी पत्नी को सौपें , वही घर को चलाये उसके काम में कभी भी मीन मेख न निकालें । अपने माता पिता को अपनी आय का एक निश्चित हिस्सा अवश्य ही दें । घर में कोई भी बड़ा काम हो तो उस घर के बड़े बुजुर्गों विशेषकर स्त्रियों को अवश्य ही आगे करें । अपने घर एवं रिश्तेदारी में अपनी पत्नी को अवश्य ही आगे रखें । अपनी माँ, पत्नी, बहन एवं बेटी को हर त्यौहार , जन्मदिवस , एवं शादी की सालगिरह आदि पर कोई न कोई उपहार अवश्य ही दे ।
4. घर के मुखिया जो अपने घर व्यापार में माँ लक्ष्मी की कृपा चाहते है वह रात के समय कभी भी चावल, सत्तू , दही , दूध ,मूली आदि खाने की सफेद चीजों का सेवन न करें इस नियम का जीवन भर यथासंभव पालन करने से आर्थिक पक्ष हमेशा ही मजबूत बना रहता है ।
5. शुक्रवार को सवा सौ ग्राम साबुत बासमती चावल और सवा सौ ग्राम ही मिश्री को एक सफेद रुमाल में बांध कर माँ लक्ष्मी से अपनी गलतियों की क्षमा मांगते हुए उनसे अपने घर में स्थायी रूप से रहने की प्रार्थना करते हुए उसे नदी की बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें , धीरे धीरे आर्थिक पक्ष मजबूत होता जायेगा ।
6. प्रथम नवरात्री से नवमी तिथि तक प्रतिदिन एक बार श्रीसूक्त का अवश्य ही पाठ करें इससे निश्चय ही आप पर माता लक्ष्मी की कृपा द्रष्टि बनी रहेगी ।
7. घर के पूजा स्थल और तिजोरी में सदैव लाल कपडा बिछा कर रखें और संध्या में आपकी पत्नी या घर की कोई भी स्त्री नियम पूर्वक वहां पर ३ अगरबत्ती जला कर अवश्य ही पूजा करें ।
8. प्रत्येक पूर्णिमा में नियमपूर्वक साबूदाने की खीर मिश्री और केसर डाल कर बनाये फिर उसे माँ लक्ष्मी को अर्पित करते हुए अपने जीवन में चिर स्थाई सुख , सौभाग्य और सम्रद्धि की प्रार्थना करें , तत्पश्चात घर के सभी सदस्य उस खीर के प्रशाद का सेवन करें ।
9. हर 6 माह में कम से कम एक बार अपने माता पिता को कोई उपहार अवश्य ही दें इससे आपकी आय में सदैव बरकत रहेगी ।
10. घर में तुलसी का पौधा लगाकर वहां पर संध्या के समय रोजाना घी का दीपक जलाने से माता लक्ष्मी उस घर से कभी भी नहीं जाती है ।