प्रयोग की दृष्टि से समास के भेद- Types of Samas based on Usage in Hindi
समास के मूल रूप से 6 भेद होते हैं:-
प्रमुख समास | पद की प्रधानता | |
1. | अव्ययी भाव समास | पूर्व पद प्रधान होता है | |
2. | तत्पुरुष समास में | उत्तर पद प्रधान होता है | |
3. | कर्मधारय समास में | उत्तर पद प्रधान होता है | |
4. | द्विगु समास में | उत्तर पद प्रधान होता है | |
5. | द्वंद समास में | दोनों पद प्रधान होते है | |
6. | बहुव्रीहि समास में | दोनों पद अप्रधान होते हैं | |
समास के इन भेद का विस्तार से वर्णन आप इस पोस्ट पर पढ़ सकते हैं –
समास की परिभाषा SAMAS in Hindi, Hindi Grammar Samas
प्रयोग की दृष्टि से समास के भेद किये जा सकते है-
(1)संज्ञा या संयोगमूलक समास
(2)आश्रयमूलक या विशेषण समास
(3)वर्णनमूलक या अव्यय समास
(1)संज्ञा या संयोगमूलक समास:- संयोगमूलक समास को संज्ञा-समास भी कहते है। इस प्रकार के समास में दोनों पद संज्ञा होते है।
दूसरे शब्दों में, इसमें दो संज्ञाओं का संयोग होता है।
जैसे- माँ-बाप, भाई-बहन, माँ-बेटी, सास-पतोहू, दिन-रात, रोटी-बेटी, माता-पिता, दही-बड़ा, दूध-दही, थाना-पुलिस, सूर्य-चन्द्र इत्यादि।
(2)आश्रयमूलक या विशेषण समास :- यह आश्रयमूलक समास है। यह प्रायः कर्मधारय समास होता है। इस समास में प्रथम पद विशेषण होता है, किन्तु द्वितीय पद का अर्थ बलवान होता है। कर्मधारय का अर्थ है कर्म अथवा वृत्ति धारण करनेवाला। यह विशेषण-विशेष्य, विशेष्य-विशेषण, विशेषण तथा विशेष्य पदों द्वारा सम्पत्र होता है। जैसे-
(क) जहाँ पूर्वपद विशेषण हो; यथा- कच्चाकेला, शीशमहल, महरानी।
(ख) जहाँ उत्तरपद विशेषण हो; यथा- घनश्याम।
(ग़) जहाँ दोनों पद विशेषण हों; यथा- लाल-पीला, खट्टा-मीठा।
(घ) जहाँ दोनों पद विशेष्य हों; यथा- मौलवीसाहब, राजाबहादुर।
(3)वर्णनमूलक या अव्यय समास :- वर्णमूलक समास के अन्तर्गत बहुव्रीहि और अव्ययीभाव समास का निर्माण होता है। इस समास (अव्ययीभाव) में प्रथम पद साधारणतः अव्यय होता है और दूसरा पद संज्ञा। जैसे- यथाशक्ति, यथासाध्य, प्रतिमास, यथासम्भव, घड़ी-घड़ी, प्रत्येक, भरपेट, यथाशीघ्र इत्यादि।