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बेरोजगारी का संकट हुआ गंभीर, अब टाटा मोटर्स निकालेगी 1500 मैनेजर्स को

मुंबई: GM मोटर्स के भारत से जाने पर 7000 नौकरियों के नुक्सान की खबर अभी चल ही रही थी तभी देश की प्रमुख कंपनी टाटा मोटर्स ने 1500 कर्मचारियों की छटनी की घोषणा कर दी है.

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कंपनी का कहना है कि यह कदम कंपनी की कार्यकुशलता बढ़ाने तथा इसके खर्चों को कम करने के लिए किया गया है.

इस घोषणा के साथ ही टाटा मोटर्स में वाइट कॉलर जॉब्स में से 10 प्रतिशत नौकरियां चली गयी हैं .

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तो क्या भारत में आ चूका है रोजगार संकट?

टाटा मोटर्स के 1500 छटनियों से पहले GM मोटर्स के भारत से जाने पर भी 7000 नौकरियों का नुकसान देश को हो चूका है.

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इससे पहले L&T ने 14000 लोगों को नौकरी से निकाला है जबकि HDFC Bank ने 10,000 लोगों को निकालने की घोषणा की है. भारत के IT सेक्टर में भी अगले 3 साल तक हर साल 2 लाख नौकरियों के जाने का खतरा है.

जानकारों के अनुसार भारत की अर्थव्यवस्था एक जाबलेस इकनॉमिक ग्रोथ की तरफ बढ़ रही है जो कि चिंताजनक है.

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लेबर ब्यूरो की रिपोर्ट

भारत के लेबर ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार भारत की अर्थव्यवस्था जहां 7 प्रतिशत की रफ़्तार से आगे बढ़ रही है वहीँ रोजगार की वृद्धि दर सिर्फ 1.1 प्रतिशत है, सबसे चिंताजनक बात यह है कि देश में बेरोजगारी दर 35% के स्तर को छु रही है.

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हालाँकि यह बात नोट करने लायक है कि भारत ने 2015 में 8 श्रम प्रधान क्षेत्रों में सिर्फ 135000 नौकरियां पैदा की. पर हैरान कर देने वाली बात यह है कि इसी अवधि में स्किल्ड श्रमिकों की संख्या में 1 करोड़ का इजाफा हुआ है जिन्हें जॉब की आवशयकता है.

तो क्या आटोमेशन है जिम्मेदार 

रिसर्च के अनुसार 2021 तक हर 10 में से 4 नौकरी औटोमेशन की वजह से चली जाएगी. पूरी दुनिया में और खास कर विकसित देशों में इससे जॉब क्राइसिस बढ़ी है.

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परन्तु ऐसा नहीं कि भारत सरकार को इसका पता नहीं था. वर्ल्ड बैंक के प्रेजिडेंट जिम किम में अक्टूबर 2016 में यह करते हुए चेताया था अगर भारत सरकार ने ध्यान नहीं दिया तो 69 प्रतिशत नौकरियों पर ऑटोमेशन की वजह से गंभीर खतरा होगा. उन्होंने कहा था कि सरकार ने अगर एक मजबूत स्ट्रेटेजी के साथ ब्लू कॉलर और वाइट कॉलर वाले श्रमिकों के लिए कोई समाधान नहीं ढूँढा तो मामला हाथ से निकल सकता है.

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