जब मैं था तब गुरू नहीं, अब गुरू हैं मैं नाहिं – Kabir Ke Dohe 2016-05-072019-09-30आमिर Kabir ke dohe in Hindi (kabir ke dohe arth sahit) जब मैं था तब गुरू नहीं, अब गुरू हैं मैं नाहिं। प्रेम गली [...]
कबीर माया मोहिनी, सब जग छाला छानि – Kabir Ke Dohe 2016-05-062019-09-30आमिर Kabir ke dohe in Hindi (dohe of Kabir in hindi) कबीर माया मोहिनी, सब जग छाला छानि। कोइ एक साधू ऊबरा, तोड़ी कुल [...]
गुरू गोविन्द दोऊ खड़े, काके लागूं पांय – कबीर के दोहे 2016-04-302020-09-15RituV Kabir ke dohe in Hindi गुरू गोविन्द दोऊ खड़े, काके लागूं पांय। बलिहारी गुरू अपने गोविन्द दियो बताय।। Guru Govind dou khade, kake [...]