हमेशा छुप नहीं सकती जिसे औक़ात कहते हैं – इमरान ख़ान की एक ग़ज़ल 2015-11-012016-11-18simran kaur मुझे जीवन की राहों में हुई है मात कहते हैं, मैं कल तक तो उजाला था, मुझे अब रात कहते हैं। वो कल तक [...]
कट्टी बट्टी का फ्लॉप शो (फिल्म समीक्षा) 2015-09-182016-11-15simran kaur 3 कट्टी बट्टी का बहुत इंतज़ार था. इधर कंगना रानौत ने फैशन, क्वीन, तनु वेड्स मनु, फिर तनु मनु पार्ट दो से उम्मीदें इतनी [...]
मेरी दो ग़ज़लें 2015-09-062016-11-21simran kaur नदिया मुहब्बतों की उमड़ती है मेरी माँ नदिया मुहब्बतों की उमड़ती है मेरी माँ, लेकर मुझे जहान में आई है मेरी माँ। Advertisement [...]