सेवक या नौकर के साथ कैसा बर्ताव रखें – जानिए चाणक्य से 2016-07-102017-12-19RituV जानीयात्प्रेषणेभृत्यान् बान्धवान्व्यसनाऽऽगमे। मित्रं याऽऽपत्तिकालेषु भार्यां च विभवक्षये ॥ किसी महत्वपूर्ण कार्य पर भेज़ते समय सेवक की पहचान होती है । दुःख के समय [...]
चाणक्य नीति – घर (निवास) पर चाणक्य के अनमोल विचार | कहाँ निवास करना चाहिए? 2016-07-102017-12-20RituV यस्मिन् देशे न सम्मानो न वृत्तिर्न च बान्धवाः। न च विद्यागमोऽप्यस्ति वासस्तत्र न कारयेत् ॥ जिस देश में सम्मान न हो, जहाँ कोई [...]
सच्चे मित्र की पहचान कैसे करें? जानिये चाणक्य ने मित्रता पर क्या कहा है? 2016-07-092017-12-24RituV Chanakya Neeti – Mitra (Mitrata) par Chanakya ke anmol vichar Advertisement कश्चित् कस्यचिन्मित्रं, न कश्चित् कस्यचित् रिपु:। अर्थतस्तु निबध्यन्ते, मित्राणि रिपवस्तथा ॥ न [...]