Shubh karya kab nahin karna chahiye?
उत्तर: प्रत्येक शुभ मांगलिक कार्य कभी भी सामान्यतया जन्म नक्षत्र, जन्म मास, तिथि, व्यतिपात, वैधृति, भद्रा, माता पिता का श्राद्व, तिथि क्षय, वृद्वि, कुलिग, अर्धयाम, महापात, तिथि वार जन्म अन्य अनिष्ट योग, लुप्त संवत्सर, चातुर्मास, ग्रहण के बाद 7 दिन तक, विश्कुम्भादि की वर्जित घटियाँ, वक्री-अतिचारी-अस्तगत गुरू शुक्र गुर्वादित्य (मल व खर मास), होलाष्टक, पौष मास, त्रिविध गण्डान्त मासान्त, भूरूदन भू रजस्वला, बाण पंचक, अग्नि पंचक, सूतक, दृष्ट चन्द्रादि शून्य वर्ग, सूर्य-चन्द्र ग्रहण और कोई उत्पात के पश्चात द्विजों को 3 रात एवं शुद्रों को 1 रात तक अमांगलिक है।
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