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साँई इतना दीजिए, जामे कुटुम समाय – Kabir Ke Dohe

Kabir ke dohe in hindi with meaning

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साँई इतना दीजिए, जामे कुटुम समाय।
मैं भी भूखा ना रहूँ, साधु न भूखा जाय।।

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Sai itna dijiye, Jaame kutum samaye
Main bhi bhuka na rahun, Sadhu na bhuka jaye

अर्थात (Meaning in Hindi): कबीर दास जी भगवान से अरदास करते हुए कहते हैं कि प्रभु! टाप मुझे उतना ही दें जिसमें मैं अपना और अपने परिवार का पालन कर सकूं तथा मेरे द्वार पर संत जन आये तो उनका सत्कार मैं भली प्रकार कर सकूं।

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संगति सों सुख ऊपजे, कुसंगति सों दुख होय।
कब कबीर तहं जाइये, साधु संग जहं होय।।

Sangeet soun sukh upje, Kusangeet soun dukh hoye
Kab kabir tahan jaiye, Sadhu sang jahan hoye

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अर्थात (Meaning in Hindi): अच्छी संगत करने से सर्वदा सुख प्राप्त होता है। किन्तु कुसंगति करने से दुखों की प्राप्ति होती है। संत जी कहते हैं कि मानव को उसी स्थान पर जाना चाहिए जहां अच्छी संगति प्राप्त हो।


ऐसी वाणी बोलिए, मन का आपा खोय।
औरन को शीतल करे, आपहु शीतल होय।।

Aisi vaani boliye, Mann ka aapa khoye
Auran ko shital kare, Aaphu shital hoye

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अर्थात (Meaning in Hindi): मन से घमण्ड की भावना त्याग कर ऐसी बाणी बोलें जिसमे दूसरों का मन प्रसन्नता से खिल उठे। दूसरों को प्रसन्न देखकर आप स्वयं भी प्रसन्नता का अनुभव करेंगे।


नैंनो की करि कोठरी, पुतली पलंग बिछाय।
पलकों की चिक डारि कै, पिय को लिया रिझाय।।

Naino ki kari kothri, Putli palang bichaya
Palkon ki chik daari kai, Piya ko liya rijhaya

अर्थात (Meaning in Hindi): अपने सद्गुरू को सम्मानिक करने के लिए नेत्रों की कोठरी बनाकर पुतली रूपी पलंग बिछा दिया और पलकों को चिक डालकर अपने स्वामी को प्रसन्न कर लिया अर्थात् नयनों में प्रभु को बसाकर अपनी भक्ति अर्पित कर दी।


करैं बुराई सुख चहैं, कैसे पावै कोय।
रोपै पेड़ बबूल का, आम कहां ते होय।।

Karain burayi sukh chahain, kaise pavae koya
Ropai ped babool ka, Aam kahan te hoya

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अर्थात (Meaning in Hindi): जो बुरा कार्य करके भलाई पाने की इच्छा रखता हो उससे बड़ा इस संसार में अन्य कोई मूर्ख नहीं है। स्वयं विचार करें कि बबूल का बीज बोने पर बबूल ही उत्पन्न होगा, वह आम नहीं हो सकता।

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