Advertisement

Rahim ke dohe रहिमन तीन प्रकार ते, हित अनहित पहिचानि।

Rahim ke dohe in Hindi:

रहिमन तीन प्रकार ते, हित अनहित पहिचानि।
पर बस परे परोस बस, परे मामिला जानि।।

Rahiman teen prakar te, hit anhit pahichaani,
Par bas pare paros bas, pare mamila jaani

Advertisement

रहीम के दोहे का अर्थ:

मनुष्य के लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि उसका हितैषी कौन है और शत्रु कौन? इस प्रकार वह अपने हितो की रक्षा करने में सक्षम होता है। रहीम की दृष्टि में तीन ऐसे प्रमुख कारण हैं, जिनके माध्यम से मनुष्य अपने हितकारी व अहितकारी को पहचानने में सफल हो सकता है।

रहीम कहते हैं, जब मनुष्य दूसरे के वश में होता है या दूर किसी के पड़ोस में रहता है अथवा उसे सांसरिक कष्टों (मामले-मुकदमे) का सामना करना पड़ता है, तब उसे इस बात का पता चलता है कि कौन उसका सहायक है और कौन उसे मुसीबत में देखकर हंसता है। ये तीन प्रमुख कारण हैं, जिससे हितकारी व अहितकारी की पहचान होती है।

Advertisement

Rahim ke dohe रहीम के 25 प्रसिद्ध दोहे अर्थ व्याख्या सहित

25 Important परीक्षा में पूछे जाने वाले रहीम के दोहे :

अक्सर प्रतियोगी परीक्षाओं और विद्यालयी परीक्षाओं में रहीम के दोहे संबन्धित प्रश्न पूछे जाते हैं जिनमें मार्क्स लाना आसान होता है किन्तु सही जानकारी और अभ्यास के अभाव में अक्सर विद्यार्थी रहीम के दोहों के प्रश्न में अंक लाने में कठिनाई अनुभव करते हैं। हमने प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाने वाले रहीम के दोहों को अर्थ एवं व्याख्या सहित संग्रहीत किया है जिनका अभ्यास करके आप पूर्ण अंक प्राप्त कर सकते हैं।

Advertisement

Leave a Reply