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Rahim ke dohe मान सहित विष खाय के, संभु भये जगदीस।

Rahim ke dohe in Hindi:

मान सहित विष खाय के, संभु भये जगदीस।
बिना मान अमृत पिये, राहु कटायो सीस॥

Maan shit vish khay ke, snbhu bhye jgadis,
bina maan amrit piye, raahu ktayo sis.

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रहीम के दोहे का अर्थ:

निस्संदह सम्मान का अपना विशेष महत्व है। मनुष्य भले कर्मों से सम्मान अर्जित करता है। चोरी अथवा धोखे से धनार्जन करने पर धनी जरूर हो सकता है, किंतु सम्मान से सदैव वंचित होता है। लोगों की दृष्टि में चोर व धोखेबाज ही कहलाता है। जो लोभ, अहंकार व ईष्या से रहित अभावों में भी जीता है, उसे सम्मान की भले ही अपेक्षा न हो किंतु वह बिना मांगे हो सम्मान पाता है। सुदामा सम्मान सहित चावलों को तुच्छ भेंट लाया तो श्रीकृष्ण ने प्रसन्न होकर ग्रहण किया। बिना सम्मान के भेंट स्वीकारने पर अवमानता ही मिलती है।

इस लथ्य को रहीम इस प्रकार अभिव्यक्ति देते हैं:समुद्र मंथन के पश्चात समुद्र से अमृत व विष की प्राप्ति हुई। विष से हानि हो सकती थी, अत: देवताओं ने सम्मान सहित शिव से अनुरोध किया कि विषपान करके हमारी रक्षा करें। इससे अभिभूत होकर वह विष पी गए। मान सहित मिल्ने विष को पोने का ही परिणाम है कि शंभु जगदीश (सारे जगत के स्वामी) हो गए। जबकि राहु को बिना मान के अमृत पीने के कारण सिर कटाना पड़ा। जब देवता अमृतपान कर रहे थे, तब उनके साथ छल-कपट से राह ने भी अमृत पी लिया था। इससे क्षुब्ध होकर विष्णु ने उसका गला काटा था। अमृत पीने के कारण वह मरा तो नहीं किंतु उसका सिर व धड़ राहु व केतु के नाम से आज भी अंतरिक्ष में छायाग्रह के रूप में सूर्य को परिक्रमा कर रहे हैं।

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Rahim ke dohe रहीम के 25 प्रसिद्ध दोहे अर्थ व्याख्या सहित

25 Important परीक्षा में पूछे जाने वाले रहीम के दोहे :

अक्सर प्रतियोगी परीक्षाओं और विद्यालयी परीक्षाओं में रहीम के दोहे संबन्धित प्रश्न पूछे जाते हैं जिनमें मार्क्स लाना आसान होता है किन्तु सही जानकारी और अभ्यास के अभाव में अक्सर विद्यार्थी रहीम के दोहों के प्रश्न में अंक लाने में कठिनाई अनुभव करते हैं। हमने प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाने वाले रहीम के दोहों को अर्थ एवं व्याख्या सहित संग्रहीत किया है जिनका अभ्यास करके आप पूर्ण अंक प्राप्त कर सकते हैं।

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