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Rahim ke dohe बड़े दीन को दुख सुनैं, लेत दया उर आनि।

Rahim ke dohe in Hindi:

बड़े दीन को दुख सुनैं, लेत दया उर आनि।
हरि हाथी सो कब हुतो, कहु रहीम पहिचानि।।

Bade deen ko dukh sunai, let dayaa ur aani,
Hari hathi so kab huto, kahu rahim pahichani

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रहीम के दोहे का अर्थ:

बड़े लोगों का बड़प्पन यह कहलाता है कि वे कितने संपन्न व धनी हैं। वास्तविक बड़ा तो वह होता है, जो असहाय को शरण देता है और उसकी मदद करता है। भले ही उसके पास धन न हो, किंतु उसका यह बड़प्पन उसे धनियों से भी अधिक यशस्वी बनाता है।

रहीम कहते हैं, बड़ों की उदारता अनुपम होती है। वे दीन दुखियों का दर्द पूरी तन्मयता से सुनते हैं। उनके हदय में इतनी दया उमड़ आती है कि वे उनके दर्द निवारणार्थ कुछ भी करने को तत्पर हो जाते हैं। हरि का उदाहरण सामने है। हरि से हाथी कभी नहीं मिला था, हरि की उससे कोई पूर्व पहचान भी नहीं थी। इसके बावजूद वह कष्ट में पड़ा और उसने हरि को पुकारा तो उन्होंने शीघ्र आकर उसे ग्राह के चंगुल से छुड़ाया।

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Rahim ke dohe रहीम के 25 प्रसिद्ध दोहे अर्थ व्याख्या सहित

25 Important परीक्षा में पूछे जाने वाले रहीम के दोहे :

अक्सर प्रतियोगी परीक्षाओं और विद्यालयी परीक्षाओं में रहीम के दोहे संबन्धित प्रश्न पूछे जाते हैं जिनमें मार्क्स लाना आसान होता है किन्तु सही जानकारी और अभ्यास के अभाव में अक्सर विद्यार्थी रहीम के दोहों के प्रश्न में अंक लाने में कठिनाई अनुभव करते हैं। हमने प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाने वाले रहीम के दोहों को अर्थ एवं व्याख्या सहित संग्रहीत किया है जिनका अभ्यास करके आप पूर्ण अंक प्राप्त कर सकते हैं।

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