Kabir ke dohe in hindi with meaning in hindi
पत्ता बोला वृक्ष से, सुनो वृक्ष बनराय।
अब के बिछुड़े ना मिले, दूर पड़ेंगे जाय।।
Patta bola vriksh se, Suno vriksh banraya
Ab ke bichure na mile, Door parenge jaya
अर्थात (Meaning in Hindi): वृक्ष को सम्बोधिकत करते हुए पत्ते ने कहा- हे वृक्ष! तुमसे बिछड़कर हम न जाने कहां जा पहुंचेगे, यह कोई निश्चित नहीं है, फिर तुमसे कभी मिलन नहीं हो सकेगा। हम कहां होंगे और तुम कहां होंगे। इसी प्रकार मनुष्य के शरीर से प्राण निकलकर कहां जाता है, उसे कौन सी योनि प्राप्त होती है। इसके विषय में जीव नहीं जानता अतः प्रत्येक समय भगवान का स्मरण करें, यही एकमात्र कल्याण का मार्ग है।
पाहन पूजे हरि मिलें, तो मैं पूजौं पहार।
याते ये चक्की भली, पीस खाय संसार।।
Paahan puje hari milen, To main pujaun pahar
Yate ye chakki bhali, Pees khaya sansar
अर्थात (Meaning in Hindi): कबीरदास जी कहते हैं कि यदि पत्थर पूजने से भगवान मिलते हैं तो मैं विशाल पहाड़ का पूजन करूंगा। इससे तो अच्छी घर की चक्की है जिसका पीसा हुआ आटा सारा संसार खाता है।
कबीर हरि हरि सुमिरि ले, प्राण जायेंगे छूट।
घर के प्यारे आदमी, चलते लेंगे लूट।।
Kabir hari hari sumiri le, pran jayenge chut
Ghar ke pyare aadmi, Chalte lenge loot
अर्थात (Meaning in Hindi): चेतावनी देते हुए कबीर दास जी कहते हैं कि हे प्राणी! भव सागर से पार उतारने वाली मांझी अन्तर्यामी, सर्वशक्तिमान परमात्मा का सुमिरन कर ले। यह सुअवसर तुम्हें बार बार नहीं मिलेगा नहीं तो शरीर से प्राण निकल जायेंगे और तू कुछ नहीं कर पायेगा और तब तेरे अपने घर के लोग तुम्हारे शरीर से गहने वस्त्र उतारकर एक कफन ओढ़ाकर श्मशान में ले जाकर जला देंगे।
माया तो ठगनी भई, ठगत फिरै सब देस।
जा ठग ने ठगनी ठगी, ता ठग को आदेस।।
Maya to thagni bhayi, Thagat firae sab des
Ja thag ne thagni thagi, Ta thag ko aades
अर्थात (Meaning in Hindi): यह माया अनेक रूप धारण करके सभी देशों के लोगों को ठगती है और सभी इसके चक्कर में फंस कर ठगे जाते हैं परन्तु जिस ठग ने इस ठगनी को भी ठग लिया हो उस महान ठग को मेरा शत शत प्रणाम है। भावार्थ यह कि माया रूपी ठगनी को कोई संत महापुरूष ही ठग सकता है।
सांच बराबर तप नहीं, झूठ बराबर पाप।
जाके हिरदे सांच है, ताके हिरदे आप।।
Sanch barabar tap nahi, Jhoot barabar paap
Jaake heerde saanch hai, Take heerde aap
अर्थात (Meaning in Hindi): सत्य के बराबर कोई तपस्या नहीं है झूठ के समान कोई पाप नहीं है। जो प्राणी सदा सत्य बोलता है उसके हदय में पारब्रहम परमेश्वर स्वयं विराजते हैं।
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