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सियाचिन में भारतीय फौजें पीछे नहीं हटेंगी, पाकिस्तान ने दिया था प्रस्ताव

नई दिल्ली: मानवीयता दिखाने के नाम पर सीमा पर भारतीय फौजों की स्थिति कमजोर करने की पाकिस्तान की चालबाज़ी को भारत ने नकार दिया है. दरअसल पाकिस्तानी सेना ने सियाचिन से आपसी सहमति से दोनों देशों की फौजों को पीछे हटाने का प्रस्ताव दिया था. इस प्रस्ताव को रिजेक्ट करते हुए भारतीय सेना ने शुक्रवार को पाकिस्तान को साफ जवाब दे दिया कि भारतीय सेना सियाचिन से तब तक पीछे नहीं हटेगी जब तक पाकिस्तान सियाचिन में भारतीय सेना की मौजूदा पोजीशन को स्वीकार नहीं कर लेता.

no question of withdrawing from siyachin Indian army.jpgइंडियन आर्मी के नॉर्थर्न कमांड के चीफ लेफ्टिनेंट जनरल डी. एस. हुड्डा ने कहा कि सियाचिन से अभी सेना हटाने की कोई वजह नहीं दिखती है। अपनी सीमाओं की रक्षा को लेकर हम बिल्कुल स्पष्ट और दृढ संकल्प हैं। हुड्डा ने कहा कि सैनिकों की अफ़सोसजनक मृत्यु पर सेना को दुःख जरूर है लेकिन भारतीय सेना भारत की सीमा की रक्षा के लिए कटिबद्ध और दृढ़ संकल्प है और किसी भी सूरत में भारतीय फ़ौज़ सियाचिन से तब तक पीछे नहीं हटाई जाएगी जब तक पाकिस्तान वहां पर भारतीय सेना की वर्तमान मौजूदगी कि स्थिति को एक्सेप्ट नहीं कर लेता.

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लेफ्टिनेंट जनरल हुड्डा ने कहा कि पाकिस्तान को अगर सेना को हटाने को लेकर बातचीत करनी है वास्तविक नियंत्रण रेखा को मान्यता देना इसकी पहली शर्त है. ऐसा कोई भी हल जो भारत को मान्य नहीं है स्वीकार नहीं किया जा सकता.

पाकिस्तान ने पिछले दिनों कहा था कि सियाचिन से आपसी सहमति से जवानों को हटाकर पाकिस्तान और भारत के बीच सियाचिन मुद्दे का तत्काल समाधान निकालने का समय आ गया है, ताकि यह सुनिश्चित हो कि ग्लैशियर पर विषम हालात के कारण और जानें नहीं जाएं। माना जा रहा है पाकिस्तान के इस प्रस्ताव के पीछे मानवीय रूख दिखा कर भारतीय सेना को किसी तरह से पीछे करने का इरादा है.

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दरअसल आज कि तारीख में भारतीय सेना सियाचिन में पाकिस्तान के मुकाबले मजबूत और फायदेमंद स्थिति में है और वहां से पीछे हटना रणनीतिक और सामरिक बेवकूफी के शिव कुछ नहीं होगा. भारतीय सेना के पीछे हटने से पाकिस्तान सेना को अचानक मूवमेंट कर सियाचिन में एडवांटेज लेने का मौका मिल सकता है. भारतीय सेना ऐसा कभी नहीं होने देगी.

सियाचिन में भारत के 10 जवानों के शहीद होने की घटना पर पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने वहां से जवानों को हटाने की पेशकश की थी। बासित ने पिछले साल संयुक्त राष्ट्र महासभा में नवाज शरीफ द्वारा सियाचिन से जवानों को आपसी सहमति से हटाने के प्रस्ताव के संदर्भ में कहा कि ये हादसे बातचीत के जरिए शांतिपूर्ण तरीकों से जल्दी इस मसले के समाधान की जरूरत पर बल देते हैं।

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सीमा पर समय समय पर होने वाली आतंकवादी घुस्पैठो के चलते भी सियाचिन में भारतीय सेना पीछे हटना स्वीकार नहीं करेगी.

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