Kabir ke dohe songs
निज सुख आतम राम है, दूजा दुख अपार।
मनसा वाचा करमना, कबीर सुमिरन सार।।
Neej sukh aatam ram hai, Dooja dukh apaar
Mansa wacha karmna, Kabir sumiran saar
अर्थात (Meaning in Hindi): अपना सुख आत्मारूपी राम है बाकी संसार में सभी दुख रूप हैं मन वनज और कर्म से आत्मा राम का सुमिरन करने के लिए कबीर दास जी कहते हैं कि सुमिरन ही समस्त पदार्थों का सार है।
आगे दिन पाछे गये, गुरू सों किया न हेत।
अब पछितावा क्या करै, जब चिडियां चुग गई खेत।।
Aage din pache gaye, Guru soun kiya na heth
Ab pachitawa kya kare, Jab chiriyan chug gayi kheth
अर्थात (Meaning in Hindi): तुम्हारे अच्छे दिन पीछे चले गये अर्थात् बीत गये किन्तु तुमने ना तो भक्ति की और न सद्गुरू से प्रेम किया। जब अन्तिम समय निकट आया तो पछताने से क्या लाभ। जो समय बीत गया वह लौटकर वापस नहीं आता। तुम्हारे तन में बसी विषय भोग रूपी चिडि़या रूपी खेत का सारा दाना चुग गई।
काल करै सो आज कर, आज करै सो अब।
पल में परलय होयगी, बहुरि करेगा कब।।
Kaal kare so aaj kar, Aaj kare so ab
Pal mein parlaya hoyagi, Bahuri karega kab
अर्थात (Meaning in Hindi): जो कल करना है उस कार्य को आज करो जो आज करना है उसे अभी कर लो। पल भर में मृत्यु रूपी प्रलय आ सकती है, कब मृत्यु के मुख में चले जाओगे कोई निश्चित नहीं है, फिर कब करोगे अर्थात् विचार करते करते समय बीत जायेगा और तुम सोचते ही रह जाओगे। अतः प्रभु नाम सुमिरन के लिए आज और कल का समय निर्धारित न करके अभी से आरम्भ कर दो।
कुटिल बचन सबसे बुरा, जासे होन न छार।
साधु बचन जलरूप है, बरसे अमृत धार।।
Kuteel bachan sabse bura, Jase hon
Sadhu bachan jalroop hai, Barse amrit dhaar
अर्थात (Meaning in Hindi): कड़वे वचनों का उच्चारण कभी नहीं करना चाहिए। कड़वे वचन सबसे बुरे होते हैं जो मनुष्य को जला डालते हैं। साधु वचन जल के समान शीतल होते हैं जो अमृत वर्षा के समान हैं अतः आप भी सदा मीठे वचन बोलें जिससे सुनने वाला भी प्रसन्न हो।
बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय।
जो दिल खोज्यो आपना, मुझसा बुरा न कोय।।
Bura jo dekhan main chala, Bura na miliya koya
Jo dil khojyo aapna, Mujhsa bura na koya
अर्थात (Meaning in Hindi): बुरा ढूंढ़ने के लिए मैं घर से निकला और ढूंढते ढूंढते थक गया किन्तु मुझे कोई बुरा नहीं मिला, जब मैंने स्वयं अपने हदय में झांककर देखा तो मुझसे बुरा संसार में कोई दिखायी ही नहीं दिया अर्थात् दूसरों की बुराइयों को देखने के बदले सर्वप्रथम अपने मन की बुराइयों को दूर करो।
NCERT SOLUTIONS CLASS 10 हिंदी साखी कबीर