बहुप्रतीक्षित मोदी मंत्रीमंडल के तीसरे और शायद आखिरी फेरबदल में जहाँ 9 नए मंत्री बनाये गए वहीँ कुछ का दर्जा बढ़ा कर कैबिनेट रैंक का कर दिया गया. कुछ मंत्री तो अनुभव के आधार पर बिलकुल नए हैं और सांसद भी पहली बार ही बने हैं. लेकिन इस सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात रही मंत्रिमंडल में सहयोगी दलों शिवसेना और जेडीयू को कोई प्रतिनिधित्व नहीं मिलना.
कयास लगाए जा रहे थे कि हाल ही में कांग्रेस और लालू की जदयू का दामन छोड़कर एनडीए में शामिल हुई नीतीश कुमार की जेडीयू के कोटे से दो मंत्रियों को मोदी के नए फेरबदल में मंत्री बनने का मौका मिल सकता है लेकिन शनिवार को जब नए मंत्रियों के नामों की घोषणा हुई तो उसमें भाजपा के अलावा किसी और सहयोगी दल के किसी एमपी का नाम नहीं था.
खबर यह भी है कि शायद जेडीयू के कोटे से दो की जगह एक ही मंत्री बनाने का ऑफर दिया गया था जिस पर नीतीश कुमार राजी नहीं हुए.
हाल ही में नीतीश कुमार की जेडीयू ने जेडीयू-जदयू-कांग्रेस के महागठबंधन से बाहर निकल कर एनडीए का हाथ थाम लिया था. उन्होंने अपना इस्तीफ़ा भी दे दिया था जिसके बाद भाजपा से आनन-फानन में मिले समर्थन के बदले नीतीश कुमार कांग्रेस और जदयू के खिलाफ विश्वासमत जीतने में सफल रहे और फिर से मुख्यमंत्री बने.
लेकिन सूत्र बताते हैं कि भाजपा और जेडीयू में अंदरखाने सब कुछ ठीक नहीं है. नीतीश कुमार ने मोदी का नेतृत्व तो स्वीकार कर लिया है लेकिन भीतर-भीतर वे इसे पचा नहीं पा रहे हैं. यही नहीं मोदी और नीतीश कुमार के बीच पैदा हुई कडवाहट भी समाप्त नहीं हो पा रही है.
अपुष्ट ख़बरों के अनुसार नीतीशकुमार बिहार में अपनी सरकार के लिए भाजपा पर निर्भर नहीं रहना चाहते इसीलिए वे बिहार कोंग्रेस के विधायकों को चारा डाल रहे हैं. नीतीश कुमार चाहते हैं कि बिहार में कांग्रेस पार्टी का विघटन हो जाए और कोंग्रेसी विधायक जेडीयू ज्वाइन कर लें ताकि जेडीयू का अपने बलबूते पर सदन में बहुमत हो जाये.
इसी बीच मोदी के मंत्रीमंडल विस्तार पर लालू यादव ने जोरदार चुटी ली. लालू ने कहा कि जिस प्रकार पेड़ से गिरे हुए बन्दर को बाकी बन्दर अपने समूह से निकाल देते हैं कुछ वैसा हे हाल नीतीश कुमार का हो गया है. एनडीए से एक बार बाहर आ चुके नीतीश कुमार को दुबारा एनडीए में जाने पर भी भाजपा को उनपर भरोसा नहीं हो रहा है. यही कारण है कि वे फड़फड़ा रहे हैं और कोंग्रेसी विधायकों पर डोरे डाल रहे हैं.
लालू ने कहा कि मंत्री पद मिलना तो दूर की बात है नीतीश कुमार को तो शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित तक नहीं किया गया.
लालू ने चुटकी लेते हुए कहा कि “बीजेपी ने नीतूश कुमार को ठेंगा दिखा दिया है. जो अपने लोगों को छोड़ता है उसे दूसरे लोग भी नहीं अपनाते हैं. नीतीश कुमार दो नाव की सवारी कर रहे हैं. इनका भाग्य यही है कि दो नाव पर चलना और टांग फट कर मरना. लालू ने कहा कि यहां ये असली खेल चल रहा है (कांग्रेस के विधायकों का दलबदल का प्रयास). नीतीश कुमार कभी भी पलट जाएगा. ये पलटू है. ये अपना बहुमत का जुगाड़ करने में लगे हुए हैं.”