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रिंग फिंगर से ही क्यों लगाया जाता है तिलक?

Kyon ring finger se hi tilak lagate hain?

तिलक का महत्व

हिन्दु परम्परा में मस्तक पर तिलक लगाना शूभ माना जाता है इसे सात्विकता का प्रतीक माना जाता है विजयश्री प्राप्त करने के उद्देश्य रोली, हल्दी, चन्दन या फिर कुम्कुम का तिलक या कार्य की महत्ता को ध्यान में रखकर, इसी प्रकार शुभकामनाओं के रुप में हमारे तीर्थस्थानों पर, विभिन्न पर्वो-त्यौहारों, विशेष अतिथि आगमन पर आवाजाही के उद्देश्य से भी लगाया जाता है हिन्दू धर्म में पूजा के समय तिलक जरूर लगाया जाता है। सिर्फ पूजा ही क्यों? अन्य किसी भी तरह का कोई मांगलिक कार्य हो तो उसका प्रारंभ भी तिलक लगाकर किया जाता है। बिना तिलक धारण किए कोई भी पूजा प्रार्थना शुरू नहीं होती है।

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Kyon ring finger se hi tilak lagate hainमान्यताओं के अनुसार, सूने (खाली) मस्तक को शुभ नहीं माना जाता है। पूजन के समय माथे पर अधिकतर कुमकुम या चंदन का तिलक लगाया जाता है। तिलक ललाट पर या छोटी सी बिंदी के रूप में दोनों भौहों के मध्य लगाया जाता है। रिंग फिंगर के नीचे का क्षेत्र हस्त ज्योतिष के अनुसार सूर्य पर्व्रत या सूर्य क्षेत्र माना जाता है।

माथे पर तिलक लगाने के पीछे आध्यात्मिक महत्व है। दरअसल, हमारे शरीर में 7 सूक्ष्म ऊर्जा केंद्र होते हैं, जो अपार शक्ति के भंडार हैं। इन्हें चक्र कहा जाता है। माथे के बीच में जहां तिलक लगाते हैं, वहां आज्ञाचक्र होता है। यह चक्र हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण स्थान है, जहां शरीर की प्रमुख तीन नाडि़यां इड़ा, पिंगला व सुषुम्ना आकर मिलती हैं। इसलिए इसे त्रिवेणी या संगम भी कहा जाता है। यह गुरु स्थान कहलाता है। यहीं से पूरे शरीर का संचालन होता है। यही हमारी चेतना का मुख्य स्थान भी है। इसी को मन का घर भी कहा जाता है। इसी कारण यह स्थान शरीर में सबसे ज्यादा पूजनीय है। ललाट पर जहां तिलक लगाया जाता है वहां आज्ञा चक्र होता है। माना जाता है कि आज्ञा चक्र पर तिलक लगाने से चेहरे को सूर्य के समान तेज प्राप्त होता है। साथ ही आज्ञा चक्र भी जागृत होता है जिससे एकाग्रता बढ़ती है, और तिलक लगवाने वाला यशस्त्री व ओजस्वी होता है। इसीलिए तिलक हमेशा रिंग फिंगर से लगाया जाता है।

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तिलक लगाने के लाभ:

1. तिलक करने से व्यक्त‍ित्व प्रभावशाली हो जाता है. दरअसल, तिलक लगाने का मनोवैज्ञानिक असर होता है, क्योंकि इससे व्यक्त‍ि के आत्मविश्वास और आत्मबल में भरपूर इजाफा होता है.

2. ललाट पर नियमित रूप से तिलक लगाने से मस्तक में तरावट आती है. लोग शांति व सुकून अनुभव करते हैं. यह कई तरह की मानसिक बीमारियों से बचाता है.

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3. दिमाग में सेराटोनिन और बीटा एंडोर्फिन का स्राव संतुलित तरीके से होता है, जिससे उदासी दूर होती है और मन में उत्साह जागता है. यह उत्साह लोगों को अच्छे कामों में लगाता है.

4. इससे सिरदर्द की समस्या में कमी आती है.

5. हल्दी से युक्त तिलक लगाने से त्वचा शुद्ध होती है. हल्दी में एंटी बैक्ट्र‍ियल तत्व होते हैं, जो रोगों से मुक्त करता है.

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6. धार्मिक मान्यता के अनुसार, चंदन का तिलक लगाने से मनुष्य के पापों का नाश होता है. लोग कई तरह के संकट से बच जाते हैं. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, तिलक लगाने से ग्रहों की शांति होती है.

7. माना जाता है कि चंदन का तिलक लगाने वाले का घर अन्न-धन से भरा रहता है और सौभाग्य में बढ़ोतरी होती है.

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