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अलाउद्दीन खिलजी के वो 5 सुधार जो भारत में आज भी प्रभावी हैं

दोस्तों पद्मावती फिल्म को ले कर हो रहे विवाद को थोड़ी देर के लिए एक तरफ रखें तो सवाल यह उठता है कि अल्लाउद्दीन खिलजी था कौन. और भारत के इतने बड़े भूभाग पर शासन करने के दौरान उसने क्या क्या किया?

khilji dynasty

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रानी पद्मिनी की वास्तविकता पर इतिहासकारों को अभी भी संदेह है परन्तु अलाउद्दीन खिलजी का 20 साल लम्बा शासन काल एक सत्य है जिस दौरान खिलजी ने बड़े महत्वपूर्ण सुधार किये. जिनके बल पर ही वह इतने बड़े देश पर इतने लम्बे समय तक शासन कर पाया.

आइये जानते हैं ऐसे 5 महत्वपूर्ण सुधार जिन्हें भारत आज भी मानता है.

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  1. ब्लैक मार्केटिंग पर कानून 

सबसे पहले खिलजी ने ही खाने पीने की जरूरी वस्तुओं के दाम तय कर दिए. रोजाना इस्तेमाल होने वाली वस्तुओं का दाम तय कर दिया गया जिससे मनमाने दाम पर सामन बेचने वालो पर रोक लगी.

साथ ही साथ उसने अनाज भण्डारण एवं वितरण को ले कर दीवान-ए-रियासत नाम की संस्था बनायी जिसका काम मुनाफाखोरी और ब्लैक मार्केटिंग रोकना था.

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2. मिलिट्री में सुधार 

खिलजी के पास 4.75 लाख सैनिक थे जिनका वेतन से ले कर अनुशासन का ख्याल रखना महत्वपूर्ण था. खिलजी ने कैश सैलरी देने का काम शुरू किया. टैक्स से आने वाली कमाई से इन सैनिकों को वेतन दिया जाने लगा.

alauddin khilji

इतना ही नहीं बल्कि हर सैनिक और उसके घोड़े की एक खास पहचान करवाई ताकि कोई किसी और सैनिक के नाम पर भ्रष्टाचार न कर पाए. टैक्स वसूलने वालों का एक ख़ास हुलिया होता है जिसे पहचान कर लोग टैक्स का पैसा उनको देते थे. ऐसे में कोई बहरूपिया सैनिक बन कर टैक्स नहीं वसूल कर सकता था.

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वर्तमान में हम ऐसे कार्यों के लिए आइडेंटिटी कार्ड का प्रयोग करते हैं.

3. किसानों की मदद- बिचौलियों का धधा बंद किया 

किसानों की कमाई बढ़ने के लिए खिलजी ने डायरेक्ट टैक्स लेना शुरू कर दिया. बिचौलियों वाले सिस्टम को हटा दिया गया. खेती की जमीन पर प्रति बिस्वा के हिसाब से 50 फ़ीसदी टैक्स वसूला जाने लगा. बिचौलियों और साहूकारों के दिन लद गए.

बिचौलियों की वजह से आज भी किसान एक बड़ी राशि से हाथ धो बैठते हैं.

4. अमीरों के लिए टैक्स व्यवस्था 

जिनलोगों के पास घर थे उनसे घरी (हाउस टैक्स) लिया गया. जिनके पास पशु थे उनसे चरी लिया जाने लगा. तथा एक घर में अधिकतम 4 बैल 2 गाय, 2 भैंस, 12 बकरी तथा 1 भेंड रखने की आज्ञा थी.

वर्तमान में इसे हम लक्जरी टैक्स के रूप में देखते हैं.

5. जासूसी व्यवस्था

अपने जमाने में खिलजी ने अपने विरोधियों पर नजर रखने के लिए जासूसी संगठन शुरू किया. जिसमें गुप्तचर अधिकारीयों को बरीद तथा गुप्तचरों को मुन्हीन कहा जाता था.

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web title: Alauddin Khilji administration:Market Policy & Tax reforms that Khilji had

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