जा दिन तै मुख फेरी हरै हंसी , हेरी हीयो जु लिया हरि जू हरि। में कौन सा अलंकार है?
ja din tai mukh feri hansi heri hiyo ju liya hari ju hari mein kaun sa alankar haiजा दिन तै मुख फेरी हरै हंसी , हेरी हीयो जु लिया हरि जू हरि।
प्रस्तुत पद में यमक अलंकार है क्योंकि इसमे हरि शब्द की आवृति हुई है और इसके अर्थ भी अलग अलग है। यमक अलंकार में किसी शब्द के दो अर्थ होते है और दोनों ही बार अर्थ अलग अलग होते है।
प्रस्तुत पंक्ति में यमक अलंकार का भेद:
इसमें शब्दों को तोड़ कर प्रयोग किया गया है इसलिए इसमें सभंग पद यमक अलंकार है।
यमक अलंकार का अन्य उदाहरण:
आप यमक अलंकार को अच्छी तरह से समझ सकें इसलिए यमक अलंकार के कुछ अन्य उदाहरण निम्नलिखित हैं:
–‘’ रति रति शोभा सब रति के शरीर की। ‘’इसमे रति शब्द की आवृति हुई है और हर बार इसका अर्थ अलग अलग है।
“ कनक कनक तें सो गुना मादकता अधिकाई “ इसमें कनक के दो अर्थ हैं – धतूरा और स्वर्ण। अतः; इसमें यमक अलंकार है।
काव्य पंक्ति में अन्य अलंकार –
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अलंकार – परिभाषा, भेद एवं उदाहरण
- रूपक अलंकार की परिभाषा, अंग (भेद) एवं उदाहरण Roopak Alankar in Hindi
- “या मुरली मुरलीधर की अधरान धरी अधरा न धरौंगी। ” में कौन सा अलंकार है?
- ” पास ही रे हीरे की खान ,खोजता कहां और नादान? में कौन सा अलंकार है?
- ऊंचे घोर मन्दर के अन्दर रहन वारी, ऊंचे घोर मन्दर ले अन्दर रहाती है। में कौन सा अलंकार है?
- ऊधौ जोग जोग हम नाही। अबला सारज्ञान कह जानै, कैसै ध्यान धराही। में कौन सा अलंकार है?