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फिर झट गुलकर दिया दिया को दोनों आँखें मींचीं। में कौन सा अलंकार है?

फिर झट गुलकर दिया दिया को दोनों आँखें मींचीं। में कौन सा अलंकार है?

fir jhat gul kar diya diya ko donon ankhen meenchi mein kaun sa alankar hai

किसी सोच में हो विभोर सांसें कुछ ठंडी खींची, फिर झट गुलकर दिया दिया को दोनों आँखें मींचीं।

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प्रस्तुतपद में यमक अलंकार है क्योंकि इसमे दिया शब्द के दो अर्थ है है। एक का अर्थ देने से और दूसरे दिए का अर्थ दीपक से है। दोनों ही बार अर्थ परिवर्तन के कारण इसमे यमक अलंकार है।

प्रस्तुत पंक्ति में यमक अलंकार का भेद:

इसमें शब्दों को ज्यों को त्यों रखा गया है इसलिए अभंग पद यमक अलंकार है।

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यमक अलंकार का अन्य उदाहरण:

आप यमक अलंकार को अच्छी तरह से समझ सकें इसलिए यमक अलंकार के कुछ अन्य उदाहरण निम्नलिखित हैं:

“ तीन बेर खातीहै अब तीन बेर खाती है। “ इस पद में बेर में यमक अलंकार है।

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यमक अलंकार का अन्य उदाहरण है – रहिमन पानी राखिए बिन पानी सब सुन। पानी गए न उबरे बिन पानी सब सून। इस पंक्ति में पानी शब्द का प्रयोग दो बार हुआ है, लेकिन अर्थ दोनों ही बार अलग अलग है।

काव्य पंक्ति में अन्य अलंकार –

अलंकार के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करने के लिए नीचे दिये गए लिंक पर जाएँ:

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अलंकार – परिभाषा, भेद एवं उदाहरण 

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