Class 10 Vilom Shabd विलोम शब्द क्षितिज Chapter wise CBSE
यहाँ पर हम कक्षा 10 के विद्यार्थियों के लिए हिंदी क्षितिज पुस्तक के विभिन्न पाठों में आये हुए विलोम शब्द (Vilom shabd in Hindi) का अर्थ और वाक्य प्रयोग स्पष्ट कर रहे हैं ताकि छात्र परीक्षा में पूछे जाने पर इन विलोम शब्द के प्रश्न में पूर्ण अंक प्राप्त कर सकें।
क्षितिज विलोम शब्द नेताजी का चश्मा Class 10 Vilom Shabd Chapter wise CBSE Kshitij
उपलब्ध – अनुपलब्ध
उपलब्ध- तुम्हारे पास जो सामग्री उपलब्ध नहीं है उसकी जानकारी दो।
अनुपलब्ध- इस इलाके में सब्जियां उनुपलब्ध ही रहती है।
सराहनीय – निंदनीय
सराहनीय- इस दृष्टि से यह एक सराहनीय प्रयास था।
निंदनीय- यह निहायत ही निंदनीय कार्य है।
सामान्य – खास
सामान्य- इतनी सामान्य सी बात तुम्हें समझ नहीं आ रही है।
खास- कुछ खास बातों का खयाल रखो तो सब ठीक होगा।
निष्कर्ष – उत्कर्ष
निष्कर्ष- कुल मिलाकर यही निष्कर्ष निकला कि यह कार्य अत्यंत अच्छा रहा।
उत्कर्ष- अभी उसके जीवन का उत्कर्ष चल रहा है।
असुविधा – सुविधा
असुविधा- उसे ऐसा लग रहा जैसे नेताजी को असुविधा हो रही है।
सुविधा- तमाम सुविधाओं के बाद भी वह पढ़ नहीं सका ।
क्षमा – दंड
क्षमा- शक्ति शाली मनुष्य को ही क्षमा का अधिकार होना चाहिए।
दंड- इस अपराध के लिए दंड का प्रावधान नहीं है।
क्षितिज विलोम शब्द बालगोबिन भगत Class 10 Vilom Shabd Chapter wise CBSE Kshitij
बेडौल – सुघड़
बेडौल- उसका शरीर बेडौल होता है।
सुघड़- कमल की स्त्री अत्यंत सुघड़ और सुशील है।
साधु – गृहस्थ
साधु- पहनावे से बाल गोबीन भगत एकदम साधु थे।
गृहस्थ- गृहस्थ आश्रम में हमे अपने कर्तव्यों कापालन करना चाहिए।
मधुर – कटु
मधुर- उसका स्वर अत्यंत मधुर है।
कटु- हमें कटु शब्दों के प्रयोग से बचना चाहिए।
सजीव – निर्जीव
सजीव- कवि ने इसका सजीव चित्रण किया है।
निर्जीव- उसका निर्जीव शरीर शिथिल पड़ा रहा।
आवृत – अनावृत
आवृत- सम्पूर्ण वातावरण घने कोहरे से आवृत हो गया।
अनावृत- बहुत कहने पर उसने अपने चेहरे को अनावृत किया।
सुशील – दु:शील
सुशील- उसकी कन्या अत्यंत सुघड़ और सुशील है।
दुशील- वह स्वभाव से ही दुशील था।
तल्लीनता – अन्यमनस्कता
तल्लीनता- वह अपना काम अत्यंत तल्लीनता से करता है।
अन्यमनस्कता- वह अन्यमस्क भाव से काम करता है।
विरह – मिलन
विरह- विरह की ज्वाला उसे जल रही थी।
आस्था – अनास्था
आस्था- भगवान पर मुझे पूरा विश्वाश और आस्था है।
अनास्था- इस मत पर मेरी पूर्ण अनास्था है।
बुढ़ापा – जवानी
बुढ़ापा- बुढ़ापा में जीवन साथी की जरूरत पड़ती है।
जवानी- उसने अपनी जवानी यूं ही बर्बाद कर दिया।
क्षितिज विलोम शब्द लखनवी अंदाज Class 10 Vilom Shabd Chapter wise CBSE Kshitij
अधिक – कम
अधिक- अधिक मैं अधिक देर तक तुमसे बात नहीं कर सकता ।
कम- वह अब कम सुनने लगा है।
प्राकृतिक – कृत्रिम
प्राकृतिक- यंहा का प्राकृतिक दृश्य बहुत सुंदर है।
कृत्रिम- उसे कृत्रिम सांस दी जा रही है।
उचित – अनुचित
उचित- मुझे उचित जान कारी नहीं मिली।
अनुचित- इस क्षेत्र में मू भी अनुचित कार्य निषेध है।
सुगंध – दुर्गंध
सुगंध- इस फूल की सुगंध बहुत प्यारी है।
दुर्गंध- उसके पास से न जाने कैसी दुरगंश आ रही है।
तृप्ति – अतृप्त
तृप्त- पानी पीकर वह तृप्त हो गया।
अतृप्त- सब कुछ पाकर भी वह अतृप्त ही रहा।
क्षितिज विलोम शब्द मानवीय करुणा की दिव्या चमक Class 10 Vilom Shabd Chapter wise CBSE Kshitij
मिठास – कड़ुवाहट
मिठास- जीवन में मिठास का होना अत्यंत आवश्यक है।
कड़ुवाहट- उसने मेरी जिंदगीमें कड़ुवाहट भी दी।
संकल्प – विकल्प
संकल्प- उसने अकेले रहने का संकल्प लिया है।
विकल्प- मुझे दूसरा और कोई विकल्प नहीं दिखाई दिया।
निर्लिप्त – संलिप्त
निर्लिप्त- निर्लिप्त रूप से वे इसमें शामिल हुए।
संलिप्त- इस घटना में वह भी संलिप्त हुआ।
स्मृति – विस्मृति
स्मृति[- मेरी स्मृति में ऐसी कोई घटना नहीं घटी।
विस्मृति- इतने दिनों बाद मुझे उसकी विस्मृति हो गई है।
उपेक्षा – अपेक्षा
उपेक्षा- मैं तुम्हारी उपेक्षा नहीं सह सकता।
अपेक्षा- मैं तुमसे अपेक्षा की आशा करता हूँ।
रोशनी – अंधेरा
रोशनी- कमरे में कम रोशनी है।
अंधेरा- अंधेरा होने में अब कुछ ही समय रह गया।
विरल – सघन
विरल- इस तरह के पदार्थ विरल ही होते है।
सघन- यहाँ की आबादी अब सघन होती जा रही है।
अपरिचित – परिचित
अपरिचित- मैं तुमसे बिल्कुल अपरिचित हूँ।
परिचित- रास्ते में मुझे एक परिचित मिल गए।
मानवीय – दानवीय
मानवीय- यह एक मानवीय संवेदना को अवश्य उद्घाटित करती है।
दानवीय- यह घटना अत्यंत दानवीय है।
पवित्र – पाप
पवित्र- गंगा नदी सभी नदियों में पवित्र है।
पाप- गंगा में सभी पाप धूल जाते है।
क्षितिज विलोम शब्द एक कहानी यह भी Class 10 Vilom Shabd Chapter wise CBSE Kshitij
ऊपरी – निचली
ऊपरी- मै ऊपरी मंजिल मे रहता हूँ।
निचली- मकान की निकली मंजिल पर पिताजी का साम्राज्य था।
अव्यवस्थित – व्यवस्थित
अव्यवस्थित- पूरा कमरा अव्यवस्थित हो रहा था।
व्यवस्थित- चीजों को व्यवस्थित करना कोई माँ से सीखे।
खुशहाली – बदहाली
खुशहाली- वे उनके खुशहाली के दिन थे।
बदहाली- नौकरी छूटते ही घर कि बदहाली शुरू हो गई।
मरियल – हष्टपुष्ट
मरियल- बचपन मे वह बहुत दुबली ओर मरियल सी थी।
हष्टपुष्ट- उसके पास एक हष्टपुष्ट घोडा है।
उचित – अनुचित
उचित- उसके विरुद्ध उचित कार्यवाही कि जाएगी।
अनुचित- तुम्हारा यह कृत अनुचित है।
सुरक्षित – असुरक्षित
सुरक्षित- तुम्हारा समान सुरक्षित रखा हुआ है।
असुरक्षित- यह इलाका बिल्कुल असुरक्षित है।
अनुकूल – प्रतिकूल
अनुकूल- अनुकूल परिक्षतिथियाँ पाते ही कहानी का अंतिम भाग पूरा हो गया।
प्रतिकूल- प्रतिकूल परिसतिथियों में भी काम करने की उसे आदत है।
सुघड़ – फूहड़
सुघड़- वह एक सुघड़ गृहिणी है।
फूहड़- उसके काम काज से ही पता चलता है कि वह बहुत फूहड़ है।
विरोध – समर्थन
विरोध- उसके विचारों का पुरजोर विरोध किया गया।
समर्थन- मै तुम्हारे समर्थन में खड़ा हूँ।
ध्वस्त – निर्माण
ध्वस्त- उसके सारे सपने ध्वस्त हो गए।
निर्माण- पुल के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो गई।
सक्रिय – निष्क्रिय
सक्रिय- आंदोलन में उसकी सक्रिय भूमिका थी।
निष्क्रिय- उसकी प्रतिक्रिया एकदम निष्क्रिय थी।
आजादी – ग़ुलामी
आजादी- उनकी आजादी की सीमा नियत थी।
गुलामी- वह कई वर्षों तक गुलामी कि ज़िंदगी जीता रहा।
आधुनिक – पुरातन
आधुनिक- उसकी सोच बिल्कुल आधुनिक है।
पुरातन- शिक्षित होकर भी उसके विचार बिल्कुल पुरातन हैं।
प्रशंसा – उपहास
प्रशंसा- पिताजी के मुह से प्रशंसा बह रही थी।
उपहास- वह लोगों के उपहास का पात्र बंता है।
निषिद्ध – प्रवेश
निषिद्ध- यहाँ आना निषिद्ध है।
प्रवेश- छोटे बच्चों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
क्षितिज विलोम शब्द स्त्री-शिक्षा के विरोधी कुतर्कों का खंडन Class 10 Vilom Shabd Chapter wise CBSE Kshitij
शिक्षित – अशिक्षित
शिक्षित- भारत में शिक्षित व्यक्तियों कि संख्या बढ़ रही है।
अशिक्षित- उसने अशिक्षित रह कर भी बेटे को खूब पढ़ाया।
कुमार्ग – सुमार्ग
कुमार्ग- कुमार्ग गामी होकर कोई अपने लक्ष्य को नहीं प्राप्त कर सकता।
सुमार्ग- जो सुमार्ग गामी होते हैं वही लक्ष्य को प्राप्त करते हैं।
अर्थ – अनर्थ
अर्थ- तुम्हें इस कविता का अर्थ लिखना होगा।
अनर्थ- कभी कभी शिक्षित लोग भी अनर्थ कर डालते हैं।
प्रमाण – प्रत्यक्ष
प्रमाण- अपढ़ होना अनैतिकता का प्रमाण नहीं है।
प्रत्यक्ष- जो प्रत्यक्ष घटित होता है उसके लिए गवाहों कि आवश्यकता नहीं।
तत्कालीन – समकालीन
तत्कालीन- कुछ लोह भारत की तत्कालीन स्त्रियों को गवार बताते हैं।
संकालीन- मैँ समकालीन परिस्थितियों से अनजान हूँ।
न्याय – अन्याय
न्याय- ईश्वर तुम्हारा न्याय करेंगे।
अन्याय- ऐसा अन्याय कहीं न देखा न सुना।
दुराचार – सदाचार
दुरचार- रावण का दुराचार बढ़त जा रहा था।
सदाचार- राम ने सदाचार से उसे जीत लिया।
उत्तरार्ध – पूर्वार्ध
उत्तरार्ध- शताब्दी के उत्तरार्ध में नवीन घटनाएँ घटित हुईं।
पूर्वार्ध- नाटक के पूर्वार्ध में नायक की मृत्यु हो जाती हो जाती है।
सर्वज्ञ – अल्पज्ञ
सर्वज्ञ- वह सर्वज्ञ ज्ञाता है।
अल्पज्ञ- फारसी का उसे अल्पज्ञ ज्ञान है।
विद्वता – मूर्खता
विद्वता- उसकी विद्वता शोभा देने वाली है।
मूर्खता- उसने मूर्खता से अपना जीवन बर्बाद कर दिया।
क्षितिज विलोम शब्द नौबत खाने में इबादत Class 10 Vilom Shabd Chapter wise CBSE Kshitij
प्रेमी – वैरी
प्रेमी– मैं प्रकृति प्रेमी हूँ।
वैरी– इस स्कूल में मेरा कोई वैरी नहीं है।
स्वीकार – अस्वीकार
स्वीकार- मैंने तुम्हें पूरे होशो हवास में स्वीकार किया है।
अस्वीकार– मैंने तुम्हारा प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया।
आरंभिक – अंतिम
आरंभिक– यह मेरे लक्ष्य का आरंभिक विंदु है।
अंतिम– मैंने अंतिम लक्ष्य यही रखा है।
आसक्ति – विरक्ति
आसक्ति– मुझे तुमसे आसक्ति हो गई है।
विरक्ति– इन दिनों मुझे माँसे से विरक्ति हो गई है।
दुर्बल – सबल
दुर्बल– दुर्बल मनुष्य को सताना अत्याचार है।
सबल– यह मेरे चरित्र काआ सबल पक्ष है।
प्रवेश – निषेध
प्रवेश– यहाँ बच्चों का प्रवेश वर्जित है।
निषेध– यह ध्रूमपान निषेध क्षेत्र है।
मुहर्रम – ईद
मुहर्रम– इधर अभी मुहर्रम का जुलूस निकलेगा।
ईद– आज ईद का चाँद नहीं निकलेगा ।
प्राचीन – नवीन
प्राचीन– यह बहुत प्राचीन मंदिर है।
नवींन– यह नवीन निर्मित भवन है।
अधिकतम – न्यूनतम
अधिकतम– यहाँ अधिकतम लोग नौकरीपेशा है।
न्यूनतम– मेरी आमदनी बहुत न्यूनतम है।
सामाजिक – असामाजिक
सामाजिक- यहाँ सामाजिक परंपराओं का पालन किया जाता है।
असामाजिक– असामाजिक होकर हम सभ्य नहीं हो सकते।
क्षितिज विलोम शब्द संस्कृति Class 10 Vilom Shabd Chapter wise CBSE Kshitij
उपयोग – दुरपयोग
उपयोग– मुझे इसका उपयोग नहीं आता है।
दुरपयोग– समय का दुरपयोग नहीं करना चाहिए।
सभ्यता – असभ्यता
सभ्यता– आज सभ्यता का चिर हरण हो रहा है।
असभ्यता– तुमने इतनी असभ्यता कहां से सीखी ।
भौतिक – आध्यात्मिक
भौतिक- उसे भौतिक सुख–सुविधाओं की चाह नहीं है।
आध्यात्मिक– मुझे आध्यात्मिक ज्ञान की तलास है।
प्रवृति – निवृति
प्रवृति– उसकी प्रवृति झगड़ालू होती जा रही है।
निवृति– मुझे दैहिक सुखों से निवृति हो गई है।
वास्तविक – काल्पनिक
वास्तविक– यही मेरी वास्तविक पहचान है।
काल्पनिक– मैं अक्सर अपनी काल्पनिक दुनिया में खो जाता हूँ।
अपरिचित – परिचित
अपरिचित– मैं तुमसे अपरिचित हूँ।
परिचित– मैं फिर अपने परिचित जगह पर जा पँहुचा।
सुखी – दुखी
सुखी– संतोषी व्यक्ति ही सुखी है।
दुखी– उसने वचनों ने उसे दुखी कर दिया।
मानवता – दानवता
मानवता– गरीबों कि सेवा करना ही मानवता की पुकार है।
दानवता– जमींदार का कृती दानवता का प्रति रूप है।
योग्यता – अयोग्यता
योग्यता– तुम्हारे अंदर इसे प्राप्त करने की योग्यता है।
अयोग्यता– उसने अपनी अयोग्यता से सब कुछ बर्बाद कर दिया।
परिवर्तन – अपरिवर्तन
परिवर्तन– जीवन में आए परिवर्तन से वह परेशान है।
अपरिवर्तन– यह अपरिवर्तन मेरे लिए बहुत माएने रखता है।