भारतीय जनता पार्टी के अहम और कद्दावर नेता और सरकार में वित्त मंत्री के पद पर आसीन अरुण जेटली के खिलाफ मोर्चा खोल कर कीर्ति आज़ाद ने भाजपा से अपनी छुट्टी की पटकथा भी लिख ली है। विरोध भी कुछ ऐसा-वैसा नहीं बल्कि खुले-आम ट्वीट कर अरुण जेटली को अपने खिलाफ मान हानि का दावा करने की चुनौती दे डाली है। गौर-तलब हो कि वित्त मंत्री अरुण जेटली न केवल भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं बल्कि सरकार में साफ़ सुथरी छवि के लिए जाने जाते हैं।
लेकिन जबसे डीडीसीए में अरुण जेटली के कार्यकाल के दौरान वित्तीय अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं तब से मीडिया में उनकी और भाजपा सरकार की खासी छीछालेदर हो रही है।
भ्रष्टाचार के मुद्दे पर ही पिछली लोकसभा चुनाव में बुरी तरह से शिकस्त झेलने वाली कांग्रेस को भी भाजपा को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कटघरे में खड़ा करने का सुनहरा अवसर हाथ लग गया है।
इस सारे विवाद के बीच दरभंगा से पार्टी के तीन बार के संसद कीर्ति आज़ाद का ये बाग़ी अंदाज़ भाजपा के गले की हड्डी बन गया है। पार्टी के अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि मामले के ठंडा होते ही इस भूतपूर्व विश्वकप विजेता क्रिकेट खिलाड़ी और संसद का भाजपा से निस्कासन तय है और कीर्ति आज़ाद के पार्टी में अब गिने चुने दिन रह गए हैं.
अभी तक पार्टी में अलग थलग पड़ते अरुण जेटली के पक्ष में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के बयान के बाद पार्टी से कीर्ति आज़ाद की विदाई होना तय नजर आ रहा है। बताया जा रहा है कि अमित शाह अब तक ख़ामोश थे क्योंकि वो कीर्ति आज़ाद की ‘”भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ जंग” को मोदी के भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान का ही मुखर पहलु मान कर चल रहे थे। किन्तु अब कीर्ति आज़ाद द्वारा उठाई गई आवाज और विरोध के मुद्दे को आम आदमी पार्टी द्वारा हथिया लिए जाने और एक खुले आम मुहीम भाजपा और मोदी के खिलाफ छेड़ दिए जाने के बाद अमित शाह खुल कर अरुण जेटली के पक्ष में आ गए हैं।
दरअसल कीर्ति आज़ाद ने ट्वीट करके अरुण जेटली को मानहानि का मुक़दमा करने के लिए भी ललकारा है। हालांकि उन्होंने सफाई दी है कि उनका अकॉउंट हैक कर लिया गया था। लेकिन इस बीच पार्टी और अरुण जेटली की खासी फजीहत हो चुकी है।
इस बीच अरविन्द केजरीवाल ने अरुण जेटली के मान हानि के मुकदमे को एक राजनीतिक अवसर के रूप में देखते हुए जेटली और भाजपा सरकार के खिलाफ अपनी मुहीम तेज कर दी है। यहाँ तक कि आज उन्होंने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली का इस्तीफ़ा भी मांग डाला।
डीडीसीए में घोटाले की लड़ाई सोशल मीडिया पर भी छाई रही और हाल ही में अनेकों कार्टून भी इस मुद्दे पर देखे और शेयर किये गए है। ज़ाहिर है बीजेपी को इससे शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा है.
अरुण जेटली दरभंगा के सांसद से काफ़ी नाराज़ हैं. सूत्रों के अनुसार वो पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और ट्रांसपोर्ट मंत्री नितिन गडकरी से भी ख़फ़ा हैं.
जेटली चाहते थे कि घोटाले के बाहर आने के पहले दिन ये दोनों नेता उनके समर्थन में बयान दें जो नहीं हुआ जिसके कारण वो इन दोनों नेताओं से नाराज़ हो गए. वित्त मंत्री यह भी चाहते थे कि अमित शाह, नितिन गडकरी और ग्रह मंत्री राजनाथ सिंह उनके साथ अदालत में हाज़िर रहें. अब अमित शाह खुलकर उनके समर्थन में ज़रूर आए हैं लेकिन जेटली शायद पूरी तरह से संतुष्ट न हों क्योंकि शाह ने कीर्ति आज़ाद की निंदा तो दूर अपने बयान में उनका ज़िक्र तक नहीं किया.
देखना यह है कि भाजपा की यह अंदरूनी लड़ाई और कितनी दूर तक जाती है।