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RituV

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माँ से जुड़े ये अनोखे राज जो चाणक्य ने हम सभी को बताये

राजपत्नी गुरोः पत्नी मित्रपत्नी तथैव च। पत्नीमाता स्वमाता च पञ्चैताः मातर स्मृताः॥ राजा की पत्नी, गुरु की पत्नी, मित्र की पत्नी, पत्नी की [...]
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शिक्षकों के लिए चाणक्य के ये उपदेश जो उन्हें एक अच्छा शिष्य पहचानने में मददगार होंगे

मूर्खशिष्योपदेशेन दुष्टास्त्रीभरणेन च। दुःखितैः सम्प्रयोगेण पण्डितोऽप्यवसीदति॥ मूर्ख शिष्य को पढ़ाने पर , दुष्ट स्त्री के साथ जीवन बिताने पर तथा दुःखियों- रोगियों के [...]
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विद्या के महत्व पर आचार्य चाणक्य से अनमोल विचार

  कामधेनुगुणा विद्या ह्ययकाले फलदायिनी। प्रवासे मातृसदृशा विद्या गुप्तं धनं स्मृतम्॥ विद्या कामधेनु के समान गुणोंवाली है, बुरे समय में भी फल देनेवाली [...]
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आत्म-सम्मान की रक्षा से जुड़ी ये अहम् बातें जो चाणक्य ने सबसे पहले बताई

यस्मिन् देशे न सम्मानो न वृत्तिर्न च बान्धवाः। न च विद्यागमोऽप्यस्ति वासस्तत्र न कारयेत् ॥ जिस देश में सम्मान न हो, जहाँ कोई [...]
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विनाश का समय आने पर बुद्धि विपरीत हो जाती है – चाणक्य नीति

गतं शोको न कर्तव्यं भविष्यं नैव चिन्तयेत्। वर्तमानेन कालेन प्रवर्तन्ते विचक्षणाः॥ बीती बात पर दुःख नहीं करना चाहिए । भविष्य के विषय में [...]
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ऐसे बचाएँ अपने धन को नष्ट होने से, चाणक्य की बेहद असरदार नीतियां

यस्यार्थास्तस्य मित्राणि यस्यार्थास्तस्य बान्धवाः। यस्यार्थाः स पुमांल्लोके यस्यार्थाः स च पण्डितः॥ जिस व्यक्ति के पास धन है लोग स्वतः ही उसके मित्र बन [...]
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राजा को हमेशा किसको अपने साथ रखना चाहिए? आचार्य चाणक्य ने दी है गूढ़ सलाह

 धनिकः श्रोत्रियो राजा नदी वैद्यस्तु पञ्चमः। पञ्च यत्र न विद्यन्ते न तत्र दिवसे वसेत ॥ जहां कोई सेठ, वेदपाठी विद्वान, राजा और वैद्य [...]
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आज के युग में भाई – बंधुओं की पहचान कैसे करें? जानिये चाणक्य नीति इस बारे में क्या कहती है?

Chanakya Neeti – Bhai-Bandhu par Chanakya ke anmol vichar अपुत्रस्य गृहं शून्यं दिशः शून्यास्त्वबान्धवाः। मूर्खस्य हृदयं शून्यं सर्वशून्यं दरिद्रता॥ पुत्रहीन के लिए घर [...]
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सेवक या नौकर के साथ कैसा बर्ताव रखें – जानिए चाणक्य से

जानीयात्प्रेषणेभृत्यान् बान्धवान्व्यसनाऽऽगमे। मित्रं याऽऽपत्तिकालेषु भार्यां च विभवक्षये ॥ किसी महत्वपूर्ण कार्य पर भेज़ते समय सेवक की पहचान होती है । दुःख के समय [...]
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चाणक्य नीति – घर (निवास) पर चाणक्य के अनमोल विचार | कहाँ निवास करना चाहिए?

यस्मिन् देशे न सम्मानो न वृत्तिर्न च बान्धवाः। न च विद्यागमोऽप्यस्ति वासस्तत्र न कारयेत् ॥ जिस देश में सम्मान न हो, जहाँ कोई [...]