भाग्य रंक को राजा और राजा को रंक बना देता है – चाणक्य नीति 2016-07-132017-12-15RituV आयुः कर्म वित्तञ्च विद्या निधनमेव च। पञ्चैतानि हि सृज्यन्ते गर्भस्थस्यैव देहिनः॥ आयु, कर्म, धन , विद्या, निधन ये पांचों चीजें प्राणी के भाग्य [...]
सुलतान फिल्म समीक्षा – संध्या नवोदिता 2016-07-132016-11-14RituV जग घूमया सुलतान जैसा न कोई ******************************* पचास का होने के बावजूद सलमान का आभामंडल जरा भी कम नहीं हुआ है. रेसलर सुलतान [...]
मृत्यु के बाद कौन होता है मनुष्य का मित्र – जानिये चाणक्य ने क्या कहा है? 2016-07-132017-12-15RituV त्यजेद्धर्म दयाहीनं विद्याहीनं गुरुं त्यजेत्। त्यजेत्क्रोधमुखी भार्या निःस्नेहान्बान्धवांस्यजेत्॥ धर्म में यदि दया न हो तो उसे त्याग देना चाहिए । विद्याहीन गुरु को, [...]
चाणक्य नीति – त्याग पर चाणक्य के अनमोल विचार Chanakya’s Quote on Giving in Hindi 2016-07-132017-12-24RituV उपार्जितानां वित्तानां त्याग एव हि रक्षणम्। तडागोदरसंस्थानां परिदाह इदाम्मससाम्॥ तालाब के जल को स्वच्छ रखने के लिए उसका बहते रहना आवश्यक है [...]
भय का सामना कैसे करें- जानिए चाणक्य से 2016-07-122017-12-12RituV तावद् भयेषु भेतव्यं यावद्भयमनागतम्। आगतं तु भयं दृष्टवा प्रहर्तव्यमशङ्कया॥ आपत्तियों और संकटों से तभी तक डरना चाहिए जब तक वे दूर हैं, परन्तु [...]
वन वृक्षों से हमें क्या सीख मिलती है, जानिए चाणक्य की नीतियां 2016-07-122017-12-05RituV अनवस्थितकायस्य न जने न वने सुखम्। जनो दहति संसर्गाद् वनं सगविवर्जनात॥ जिसका चित्त स्थिर नहीं होता, उस व्यक्ति को न तो लोगों के [...]
साधु पर चाणक्य के अनमोल विचार 2016-07-122017-12-12RituV शैले शैले न माणिक्यं मौक्तिकं न गजे गजे। साधवो न हि सर्वत्र चन्दनं न वने वने ॥ न प्रत्येक पर्वत पर मणि-माणिक्य ही [...]
कैसे पिता को संतान का शत्रु माना है चाणक्य ने? 2016-07-122017-12-24RituV Chanakya Neeti – Pita par Chanakya ke anmol vichar जनिता चोपनेता च यस्तु विद्यां प्रयच्छति। अन्नदाता भयत्राता पञ्चैता पितरः स्मृताः॥ जन्म देनेवाला, उपनयन [...]
चाणक्य के इस सूत्र को अपना कर आप अपने किसी भी शत्रु को पराजित कर सकते हैं ! 2016-07-112017-12-24RituV Chanakya Neeti – Shatru (Shatruta) par Chanakya ke anmol vichar Advertisement बहूनां चैव सत्तवानां रिपुञ्जयः । वर्षान्धाराधरो मेधस्तृणैरपि निवार्यते॥ शत्रु चाहे कितना बलवान [...]
चाणक्य के अनुसार सुयोग्य पुत्र की पहचान कुछ ऐसे करें 2016-07-112017-12-12RituV एकेनापि सुवर्ण पुष्पितेन सुगन्धिता। वसितं तद्वनं सर्वं सुपुत्रेण कुलं यथा॥ जिस प्रकार वन में सुन्दर खिले हुए फूलोंवाला एक ही वृक्ष अपनी सुगन्ध [...]