Hindi Essay – Mera Padosi par Nibandh 2016-09-112016-11-15Ritu मेरा पड़ोसी पर लघु निबंध (Hindi essay on My Neighbour) पड़ोसी से अभिप्राय आस पास के रहने वालों से हैं। दूसरे रूप में [...]
Hindi Essay – Man ke Hare Har hai Man ke Jeete Jeet par Nibandh 2016-09-112016-11-15Ritu मन के हारे हार है, मन के जीते जीत पर लघु निबंध मनुष्य का जीवन विभिन्न प्रकार के संकल्पों और विकल्पों से क्रियाशील [...]
Hindi Essay – Prayogvad par Nibandh 2016-09-112016-11-15Ritu प्रयोगवाद पर लघु निबंध सन् 1943 ई. में अज्ञेय के नेतृत्व में हिन्दी कविता के क्षेत्र में एक नये आन्दोलन का प्रवर्त्तन हुआ। [...]
Hindi Essay – Samay ka Sadupyog par Nibandh 2016-09-112016-11-15Ritu समय का सदुपयोग पर लघु निबंध (Hindi essay on Use of Time) किसी कवि ने समय के महत्व को बतलाते हुए ठीक ही [...]
Hindi Essay – Viklang Bhi Desh ka Ang Hain par Nibandh 2016-09-112016-11-15Ritu विकलांग भी देश का अंग हैं पर लघु निबंध मनुष्य इस संसार का सर्वश्रेष्ठ प्राणी माना जाता है। उसके पास सोचने, समझने और [...]
हमारे देश के त्योहार पर लघु निबंध Short Essay on Hamare Desh Ke Tyohar in Hindi 2016-09-11Ritu Hamare Desh Ke Tyohar par laghu nibandh प्रस्तावना- हमारा देश भारत महान है। यहाँ समय-समय पर अनेक त्योहार मनाए जाते हैं। ये त्योहार [...]
Short Essay on Gautam Buddha in Hindi गौतम बुद्ध पर लघु निबंध 2016-07-08Ritu Gautam Buddha par laghu nibandh प्रस्तावना- जब समाज में अत्याचार, अनाचार अशान्ति, अज्ञान, अंध विश्वास और रूढ़ियाँ जड़ जमा लेती हैं, तब कोई [...]
Short Essay on Mahavir Swami in Hindi महावीर स्वामी पर लघु निबंध 2016-07-082016-07-08Ritu Mahavir Swami par laghu nibandh प्रस्तावना- हमारा देश भारत अवतारी पुरूषों का देश है। इस देश में जितने महापुरूषों का जन्म हुआ है, [...]
Short Essay on Swatantrata Divas (15 August) in Hindi स्वाधीनता दिवस (15 अगस्त) पर लघु निबंध 2016-07-082016-07-08Ritu Swatantrata Divas (15 August) par laghu nibandh प्रस्तावना- हमारा देश लगभग दो सौ वर्ष तक अंग्रेजों का गुलाम रहा। अंग्रेजों ने भारतवासियों पर [...]
छत्रपति शिवाजी पर लघु निबंध Short Essay on Chtarpati Shivaji in Hindi 2016-07-08Ritu Chtarpati Shivaji par laghu nibandh प्रस्तावना- आवश्यकता आविष्कार की जननी है। जब आवश्यकता होती है तो उसे पूरा करने का कोई न कोई [...]