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Rahim ke dohe रहिमन नीर पखान, बूई पै सीझे नहीं।

Rahim ke dohe in Hindi:

रहिमन नीर पखान, बूई पै सीझे नहीं।
तैसे मूरख ज्ञान, बूझे पै मुझे नहीं।

Rahiman neer pakhaan, booi pai seejhi nahin,
Taise moorakh gyan, bujhai pai mujhai nahin.

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रहीम के दोहे का अर्थ:

रहीम इस पद के माध्यम से यह बताना चाहते हैं कि किसी के भी प्राकृतिक स्वभाव को परिवर्तित कर पाना संभव नहीं।

वह मिसाल देते हैं कि पत्थर पानी में डूब तो जाता है किंतु उसकी आंतरिक संरचना पानी का संग पाकर भी नरम नहीं होती है। इसी प्रकार मूर्ख के सम्मुख कितना भी ज्ञान बघारा जाए, वह ज्ञान सम्मत व्यवहार करेगा, इसकी आशा नहीं करनी चाहिए।

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Rahim ke dohe रहीम के 25 प्रसिद्ध दोहे अर्थ व्याख्या सहित

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