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डोकलाम की कड़वाहट नहीं दिखी मोदी-चिनपिंग की मुलाक़ात में


शियामिन. म्यांमा के अपने दौरे से ठीक पहले मोदी ने चीनी राष्ट्रपति से मुलाकात की. इस मुलाकात के दौरान उनके साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश सचिव एस जयशंकर सहित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।यहां चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और पीएम नरेंद्र मोदी के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई. विदेश सचिव ने बताया कि चिनफिंग और मोदी के बीच 1 घंटे से ज्यादा देर तक बातचीत हुई. चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार इस मुलाकात के दौरान मोदी ने ‘बेहद सफल’ ब्रिक्स शिखर सम्मेलन को लेकर शी को बधाई दी. यह बैठक उस वक्त हुई है जब दोनों देश 73 दिनों के डोकलाम गतिरोध के पैदा हुई कड़वाहट को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं.

संवाददाता सम्मलेन में जब एस जयशंकर से सवाल किया कि क्या मोदी-चिनपिंग के बीच आतंकवाद के मुद्दे पर चर्चा हुई, तो उनका जवाब था, वैश्विक आतंकवाद पर ब्रिक्स सम्मेलन में प्रमुख रूप से चर्चा हुई है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की मुलाकात में इस पर कोई चर्चा नहीं हुई.विदेश सचिव एस जयशंकर ने बताया कि दोनों देशों के बीच सीमा पर शांति बनाने पर सहमत हुए हैं. आपसी भरोसा बढ़ाने पर भी चर्चा हुई. विवादों को दोनों देश बातचीत के जरिए हल करेंगें. दोनों देश सहमत हैं कि बदलते दौर में एक साथ मिलकर चलना जरूरी है.

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डोकलाम विवाद के बावजूद दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्ष बड़ी गर्मजोशी से मिले और सहज वातावरण में दोनों के बीच बातचीत हुई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिक्स सम्मेलन की सफलता के लिए राष्ट्रपति शी चिनफिंग को बधाई दी और कहा कि ब्रिक्स को प्रासंगिक बनाने में यह शिखर सम्मेलन बेहद सफल हुआ है. वहीं चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि चीन और भारत प्रमुख पड़ोसी हैं, दोनों विकासशील और उभरते देश हैं. चिनफिंग ने कहा कि चीन भारत के साथ मिलकर पंचशील के सिद्धांत के तहत काम करने के लिए तैयार है. चीन-भारत के स्वस्थ और स्थिर संबंध दोनों देशों के लोगों के हितों की पूर्ति करने में सहायक व जरूरी हैं. वहीं पीएम मोदी ने कहा कि ब्रिक्स को और प्रासंगिक बनाने की जरूरत है.

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