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भूकम्प आया भारत, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में – आये जोरदार झटके

भारत के पश्चिमी भाग, अफगानिस्तान और पाकिस्तान में आज दोपहर के लगभग 2:40 बजे भूकम्प के जोरदार झटके महसूस किये गए। यूनाइटेड स्टेट्स जीओलोजिकल सर्वे के अनुसार भूकम्प का केंद्र अफगानिस्तान के फैज़ाबाद में बताया जा रहा है और भूकम्प की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 7.7 मापी गयी है। भारत में भूकम्प के झटके पंजाब, हरयाणा, दिल्ली, राजस्थान और मध्य प्रदेश तक महसूस किये गए।

भूकम्प के आने का पता चलते ही लोगों में दहशत फ़ैल गयी और लोग ऊँची इमारतों और घरों से बाहर निकल आये। भारत में अभी तक ज्यादा जानमाल के नुक्सान की खबर नहीं मिली है। पाकिस्तान में 250 लोगों के मारे जाने का समाचार मिला है।

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earthquake bhukamp in india
Image symbolic source www.youtube.com

अभी हाल ही में नेपाल में महाविनाशकारी भूकम्प आया था। भूकम्प के आने का क्या कारण हैं? भारतीय महाद्वीप में इतने भूकम्प क्यों आते हैं?

भूगर्भशास्‍ित्रयों का मानना है कि भारतीय टैक्टोनिक प्लेट के यूरेशियन टैक्टोनिक प्लेट (मध्य एशियाई) के नीचे दबते जाने के कारण हिमालय बना है। पृथ्वी की सतह की ये दो बडी प्लेटें करीब चार से पांच सेंटीमीटर प्रति वर्ष की गति से एक दूसरे की ओर आ रही हैं। भारतीय टैक्टोनिक प्लेट 1.6 सेमी प्रतिवर्ष ऊपर जा रही है। इन प्लेटों की गति के कारण पैदा होने वाले भूकम्प की वजह से ही एवरेस्ट और इसके साथ के पहाड ऊंचे होते गए। हिमालय के पहाड़ हर साल करीब पांच मिमी ऊपर उठते जा रहे हैं।

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भूगर्भवेत्ताओं का कहना है कि भारतीय प्लेट के ऊपर हिमालय का दबाव बढ रहा है। मुख्यत: इस तरह के दो या तीन फॉल्ट हैं। इन्हीं में किसी प्लेट के खिसकने से यह ताजा भूकम्प आया है। लंबी अवधि के दौरान टैक्टॉनिक प्लेटों के स्थान बदलने से तनाव बनता है और धरती की सतह पर उसकी प्रतिक्रिया में चट्टानें फट जाती हैं। दबाव बढने के बाद 2000  किलोमीटर लंबी हिमालय श्रंखला के हर 100 किलोमीटर के क्षेत्र में उच्च तीव्रता वाला भूकम्प आ सकता है।

यह भूकंपीय पट्टी न्यूजीलैंड से होते हुए ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, अंडमान एवं निकोबार द्वीप, जम्मू एवं कश्मीर, अफगानिस्तान, भूमध्य सागर और यूरोप तक फैली है। आज से करीब चार करोड साल पहले, हिमालय आज जहां है, वहां से भारत करीब पांच हजार किलोमीटर दक्षिण में था। धीरे-धीरे एशिया और भारत निकट आए और इससे हिमालय का निर्माण हुआ। महादेशीय चट्टानों का खिसकना सालाना दो सेंटीमीटर की गति से जारी है। आज भारतीय धरती एशिया की धरती पर दबाव डाल रही है, जिससे दबाव पैदा होता है और इसी दबाव से भूकम्प आते हैं।

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