28% तक के टैक्स स्लैब पर लागु GST ने भले ही छोटे व्यापारियों की रीढ़ तोड़ दी परन्तु मोदी सरकार के लिए GST सोने की मुर्गी साबित हुई. GST लागु होने के बाद पहले १५ दिन के आंकड़े जारी हुए हैं इन आंकड़ों को देखने पर यह पता चलता है कि सरकार को 11 फ़ीसदी अधिक टैक्स मिला है.
केंद्रीय उत्पाद शुल्क और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) ने यह जानकारी दी है. सीबीईसी ने कहा कि एक जुलाई से 15 जुलाई के बीच आयात से प्राप्त कुल राजस्व 12,673 करोड़ रुपये रहा, जबकि जून महीने में समान अवधि में यह 11,405 करोड़ रुपये था.
सीबीईसी की प्रमुख वनजा सरना ने बताया, “सीमा शुल्क से ठीकठाक राजस्व प्राप्त हुआ है. हमें उम्मीद है कि राजस्व की मात्रा पिछले महीने जितनी ही होगी। हालांकि हम साल दर साल आधार पर इसमें बहुत अधिक वृद्धि की उम्मीद नहीं कर रहे हैं. 30 जून की आधी रात से प्रथम 15 दिनों में कुल 12,673 करोड़ रुपये का राजस्व इकट्ठा किया गया है.”
GST से प्राप्त कुल राजस्व के बारे में उन्होंने कहा कि इसका इसका सटीक अनुमान अक्टूबर तक ही मिल पाएगा क्युकी व्यापारी सितम्बर में रेतुर्न दाखिल करेंगे. राजस्व का सही आकलन करने के लिए कम से कम तीन महीने का आंकड़ा उपलब्ध होना चाहिए.
उन्होंने कहा, “इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ व्यापारियों को मिलेगा, लेकिन कर आधार में बढ़ोतरी से राजस्व को कोई नुकसान नहीं होगा. हालांकि डिजिटीकरण से कर आधार में तेजी से वृद्धि हो रही है, लेकिन अभी इस पर कुछ कहना जल्दबाजी होगी.”
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि जीएसटी के अंतर्गत कर आधार में 80 लाख तक की आसानी से बढ़ोतरी होगी. अब तक जीएसटी के अंतगर्त नए और पुराने मिलाकर 75 लाख पंजीकरण किए गए हैं.