Suvichar in hindi by chanakya

Advertisement

राजा को हमेशा किसको अपने साथ रखना चाहिए? आचार्य चाणक्य ने दी है गूढ़ सलाह

 धनिकः श्रोत्रियो राजा नदी वैद्यस्तु पञ्चमः। पञ्च यत्र न विद्यन्ते न तत्र दिवसे वसेत ॥ जहां कोई सेठ, वेदपाठी विद्वान, राजा और वैद्य [...]
Advertisement

आज के युग में भाई – बंधुओं की पहचान कैसे करें? जानिये चाणक्य नीति इस बारे में क्या कहती है?

Chanakya Neeti – Bhai-Bandhu par Chanakya ke anmol vichar अपुत्रस्य गृहं शून्यं दिशः शून्यास्त्वबान्धवाः। मूर्खस्य हृदयं शून्यं सर्वशून्यं दरिद्रता॥ पुत्रहीन के लिए घर [...]
Advertisement

सेवक या नौकर के साथ कैसा बर्ताव रखें – जानिए चाणक्य से

जानीयात्प्रेषणेभृत्यान् बान्धवान्व्यसनाऽऽगमे। मित्रं याऽऽपत्तिकालेषु भार्यां च विभवक्षये ॥ किसी महत्वपूर्ण कार्य पर भेज़ते समय सेवक की पहचान होती है । दुःख के समय [...]
Advertisement

चाणक्य नीति – घर (निवास) पर चाणक्य के अनमोल विचार | कहाँ निवास करना चाहिए?

यस्मिन् देशे न सम्मानो न वृत्तिर्न च बान्धवाः। न च विद्यागमोऽप्यस्ति वासस्तत्र न कारयेत् ॥ जिस देश में सम्मान न हो, जहाँ कोई [...]
Advertisement

आचार्य चाणक्य ने इन सूत्रों में बताया कि मृत्यु के बाद व्यक्ति का मित्र कौन होता है?

Chanakya Neeti – Mrityu par Chanakya ke Anmol Vichar (Chankya’s Quote on Death) धर्मार्थकाममोश्रेषु यस्यैकोऽपि न विद्यते। जन्म जन्मानि मर्त्येषु मरणं तस्य केवलम्॥ [...]
Advertisement

स्त्री (पत्नी) पर चाणक्य के अनमोल विचार

सन्तोषस्त्रिषु कर्तव्यः स्वदारे भोजने धने। त्रिषु चैव न कर्तव्योऽध्ययने जपदानयोः॥ व्यक्ति को अपनी ही पत्नी से संतोष कर लेना चाहिए चाहे वह रूपवती [...]
Advertisement

सच्चे मित्र की पहचान कैसे करें? जानिये चाणक्य ने मित्रता पर क्या कहा है?

Chanakya Neeti – Mitra (Mitrata) par Chanakya ke anmol vichar Advertisement कश्चित् कस्यचिन्मित्रं, न कश्चित् कस्यचित् रिपु:। अर्थतस्तु निबध्यन्ते, मित्राणि रिपवस्तथा ॥ न [...]