Advertisement

नीची रही करि, यों बहुरी फिरि, ऊँचे को नारि न नारि उठाई। में कौन सा अलंकार है?

नीची रही करि, यों बहुरी फिरि, ऊँचे को नारि न नारि उठाई। में कौन सा अलंकार है?

neechi rahi kari yon bahuri firi unche ko nari n nari uthai mein kaun sa alankar hai

नीची रही करि, यों बहुरी फिरि, ऊँचे को नारि न नारि उठाई।

Advertisement

प्रस्तुत पंक्ति में नारि शब्द में यमक अलंकारहै। जब किसी काव्य पंक्ति में कोई शब्द दो बार आए और दोनों ही बार उसके अर्थ अलग अलग है।

प्रस्तुत पंक्ति में यमक अलंकार का भेद:

इस पद में अभंग पद यमक अलंकार है क्योंकि इसमे शब्दों को ज्यों का त्यों प्रयोग किया गया है।

Advertisement

यमक अलंकार का अन्य उदाहरण:

आप यमक अलंकार को अच्छी तरह से समझ सकें इसलिए यमक अलंकार के कुछ अन्य उदाहरण निम्नलिखित हैं:

“ ऊंचे घोर मंदर के रहनवारी , ऊंचे घोर मंदर में रहाती है।“

Advertisement

यमक अलंकार का अन्य उदाहरण है – रहिमन पानी राखिए बिन पानी सब सुन। पानी गए न उबरे बिन पानी सब सून। इस पंक्ति में पानी शब्द का प्रयोग दो बार हुआ है, लेकिन अर्थ दोनों ही बार अलग अलग है।

काव्य पंक्ति में अन्य अलंकार –

अलंकार के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करने के लिए नीचे दिये गए लिंक पर जाएँ:

Advertisement

अलंकार – परिभाषा, भेद एवं उदाहरण 

Advertisement

Leave a Reply