Namak Razia Sajjad Zaheer (नमक रज़िया सज्जाद ज़हीर) NCERT Solutions Class 12
पाठ्यपुस्तक से हल प्रश्न
पाठ के साथ
प्रश्न 1: सफ़िया के भाई ने नमक की पुड़िया ले जाने से क्यों मना कर दिया? [CBSE (Delhi), 2009 (C)]
अथवा
नमक की पुड़िया को लेकर सफ़िया के मन में क्या द्ववद्व था? सफ़िया के भाई ने नमक ले जाने के लिए मना क्यों कर दिया था?
[CBSE (Delhi), 2013]
उत्तर– सफ़िया का भाई एक बहुत बड़ा पुलिस अफ़सर था। वह कानून-कायदों से भली-भाँति परिचित था। सफ़िया के भाई ने नमक की पुड़िया ले जाने से निम्न कारणों से मना किया –
1. हिन्दुस्तान में नमक की कोई कमी नहीं है।
2. कस्टम के किसी अधिकारी ने पकड़ लिया तो वे सारे समान की चिंदी-चिंदी कर देते हैं और इससे देश का नाम भी बदनाम होता है।
3. पाकिस्तान से नमक के आयात पर प्रतिबंध था। यह गैरकानूनी था।
प्रश्न 2:
नमक की पुड़िया ले जानेके संबंध में सफ़िया के मन काद्वंद्व स्पष्ट कीजिए। [CBSE (Outside), 2012]
अथवा
नमक की पुड़िया ले जाने, न ले जाने के बारे में सफ़िया के मन का द्वद्व स्पष्ट कीजिए। [CBSE (Delhi), 2015, Set-III]
उत्तर–
नमक की पुड़िया ले जाने के संबंध में सफ़िया के मन में यह द्वंद्व था कि वह नमक की पुड़िया को चोरी से छिपाकर ले जाए या कस्टम अधिकारियों को दिखाकर ले जाए। पहले वह इसे कीनुओं की टोकरी में सबसे नीचे रखकर कीनुओं से ढँक लेती है। फिर वह निर्णय करती है कि वह प्यार के इस तोहफ़े को चोरी से नहीं ले जाएगी। वह नमक की पुड़िया को कस्टम वालों को दिखाएगी।
प्रश्न 3:
जब सफ़िया अमृतसर पुल पर चढ़ रही थी तो कस्टम आफिसर निचली सीढ़ी के पास सिर झुकाए चुपचाप क्यों खड़े थे?
उत्तर–
कस्टम ऑफ़िसर जो कि बंगाली था उसे सफ़िया की संवेदनाएँ बहुत अच्छी लगीं। उसे महसूस हुआ कि कानून बाद में है। इंसानियत पहले। कानून को इंसानियत के आगे झुकना ही पड़ता है। सफ़िया की ईमानदारी और वायदे को देखकर कस्टम अधिकारी ने अपना सिर झुका लिया। उसे सफ़िया द्वारा किए गए कार्य पर नाज था। वह सिर झुकाकर अपनी श्रद्धा सफ़िया के प्रति व्यक्त करना चाहता था।
प्रश्न 4:
लाहाँर अभी तक उनका वतन है और देहली सिर या येस वतन ढाका हे जैसे उदगार किम सामाजिक यथार्थ का संकेत करते हैं?
उत्तर–
ये कथन उस सामाजिक यथार्थ का संकेत करते हैं कि राजनीतिक तौर पर लोग भले ही विस्थापित हो जाते हों, परंतु भावनात्मक लगाव मातृभूमि से ही रहता है। राजनीतिक बँटवारे लोगों के दिलों को बाँट नहीं पाते। वे लोगों को अलग रहने पर मजबूर कर सकते हैं, परंतु उनका प्रेम अंतिम समय तक मातृभूमि से रहता ही है।
प्रश्न 5:
नमक ले जाने के बारे में सफ़िया के मन में उठे द्वंद्व के आधार पर उसर्का चारित्रिक विशेषताओं को स्पष्ट र्काजिए [CBSE (Outside), 2011 (C)]
उत्तर–
नमक ले जाने की बात सोचकर सफ़िया द्वंद्वग्रस्त हो जाती है। उसके भाई ने जब उसे यह बताया कि नमक ले जाना गैरकानूनी है तो वह और अधिक परेशान हो जाती है। चूंकि वह आत्मविश्वास से भरी हुई है इसलिए वह मन में ठान लेती है कि नमक पाकर ही रहेगी। उसमें किसी भी प्रकार का दुराव या छिपाव नहीं है। वह देश प्रेमिका है। दूसरों की। भावनाओं का ख्याल वह रखती है, उसमें भावुकता है इसी कारण भाई जब नमक ले जाने से मना कर देता है तो वह रो देती है।
प्रश्न 6:
” मानचित्र पर एक लकीर खींच देने भर से ज़मीन और जानता बँट नहीं जाती हैं। ” –उक्ति तर्कों व उदाहरणों के जरिये इसकी पुष्टि करें। [CBSE (Outside), 2008 (C)]
उत्तर–
मानचित्र पर एक लकीर खींच देने भर से जमीन और जनता बँट नहीं जाती है।-लेखिका का यह कथन पूर्णतया सत्य है। राजनीतिक कारणों से मानचित्र पर लकीर खींचकर देश को दो भागों में बँट दिया जाता है। इससे जमीन व जनता को अलग-अलग देश का लेवल मिल जाता है, परंतु यह कार्य जनता की भावनाओं को नहीं बाँट पाता। उनका मन अंत तक अपनी जन्मभूमि से जुड़ा रहता है। पुरानी यादें उन्हें हर समय घेरे रहती हैं। जैसे ही उन्हें मौका मिलता है, वे प्रत्यक्ष तौर पर उभरकर सामने आ जाती हैं। ‘नमक’ कहानी में भी सिख बीवी लाहौर को भुला नहीं पातीं और ‘नमक’ जैसी साधारण चीज वहाँ से लाने की बात कहती हैं। कस्टम अधिकारी नौकरी अलग देश में कर रहे हैं, परंतु अपना वतन जन्म-प्रदेश को ही मानते हैं। सभी का अपनी जन्म-स्थली के प्रति लगाव है।
प्रश्न 7:
‘‘ नमक ” कहानी में भारत व पाक की जनता के आरोपित भेदभावों के बीच मुहब्बत का नमकीन स्वाद घुला हुआ हैं, केंस? [CBSE (Delhi), 2010]
उत्तर–
दोनों देशों को यद्यपि भूगोल ने विभाजित कर दिया है लेकिन लोगों में वही मुहब्बत अब भी समाई हुई है। यद्यपि यह आरोप लगाया जाता है कि इन देशों के बीच नफ़रत है लेकिन ऐसा नहीं है। इन दोनों के बीच रिश्ते मधुर और पवित्र हैं। इनमें मुहब्बत ही वह डोर है जो एक-दूसरे को बाँधे हुए है। मुहब्बत का नमकीन स्वाद इनके रिश्तों में घुला हुआ है। सिख बीबी, बंगाली अधिकारी और सफ़िया के माध्यम से कहानीकार ने इसी बात को सिद्ध किया है।
क्यों कहा गया?
प्रश्न 1:
क्या सब कानून हुकूमत के ही होते हैं, कुछ मुहब्बत, मुरोंवत, आदमियत, इंसानियत के नहीं होते?
उत्तर–
सफ़िया का भाई पुलिस अफ़सर है। जब उसने लाहौर का नमक भारत ले जाने की बात अपने भाई को बताई तो उसने यह कार्य गैर-कानूनी बताया। उसने यह भी बताया कि पाकिस्तान और भारत के बीच नमक का व्यापार प्रतिबंधित है। तब लेखिका ने यह तर्क दिया कि क्या सब कानून हुकूमत के ही होते हैं, कुछ मुहब्बत, मुरौवत, आदमियत, इंसानियत के नहीं होते ?
प्रश्न 2:
भावना के स्थान पर बुद्धि र्धारे–र्धारे उम पर हावी हो रही थी?
उत्तर–
जब भावनाओं से काम नहीं चला तो सफ़िया ने दिमाग से काम लिया। उसने बुद्धि से नमक हिंदुस्तान ले जाने की युक्ति सोची। वह निडर हो गई और निर्णय लिया कि मैं नमक अवश्य ले जाऊँगी।
प्रश्न 3:
मुहब्बत तो कस्टम से इस तरह गुजर जाती हैं कि कानून हैरान रह जाता है।
उत्तर–
पाकिस्तानी कस्टम अधिकारी सफ़िया से कहता है कि मुहब्बत के सामने कस्टम वाले भी लाचार हैं। उनके सम्मुख कानून निष्प्रभावी हो जाते हैं। मुहब्बत कानून को धत्ता बताकर आगे चली जाती है। वह स्वयं नमक की पुड़िया को लेखिका के बैग में रखकर उपर्युक्त वाक्य कहता है।
प्रश्न 4:
हमारी ज़मीन, हमारे पानी का मज़ा ही कुछ और है।
उत्तर–
यह बात सफ़िया को ईस्ट बंगाल का कस्टम अधिकारी कहता है। वह बताता है कि उसके देश की ज़मीन बहुत ऊपजाऊ है। यहाँ का पानी मीठा और ठंडा है। मेरे देश की मिट्टी बहुत कुछ पैदा करती है। वहाँ चारों ओर खुशहाली बसी हुई
समझाइए तो ज़रा
प्रश्न 1:
फिर पलकों से कुछ सितारे टूटकर दूधिया अचल में समा जाते हैं।
उत्तर–
सिख बीवी को लाहौर की याद आ रही थी। वह लेखिका को वहाँ के जीवन, दिनचर्या आदि के बारे में बताती हुई यादों में खो जाती है। भावुकता के कारण उसकी आँखों से आँसू निकलकर उसके सफ़ेद मलमल के दुपट्टे पर टपक जाते हैं।
प्रश्न 2:
किसका वतन कहाँ हैं–वह जो कस्टम के इस तरफ हैं या उस तरफ।
उत्तर–
जब सफ़िया अमृतसर स्टेशन पर पहुँची तो वह यह बात सोचने लगती है। उसे समझ में नहीं आता कि वतन कहाँ है अर्थात् पाकिस्तान अथवा हिंदुस्तान कहाँ है। ये दोनों देश तो एक हैं केवल कस्टम ने इन दोनों को बाँटा हुआ है। मेरी समझ में तो यही आता है।
पाठ के आस-पास
प्रश्न 1:
‘नमक’ कहानी में हिंदुस्तान–पाकिस्तान में रहने वाले लोगों की भावनाओं, संवेदनाओं को उभारा गया है। वर्तमान संदर्भ में इन संवेदनाओं की स्थिति को तर्क सहित स्पष्ट कीजिए।
उत्तर–
लोगों की भावनाएँ और संवेदनाएँ आज भी वैसी ही हैं जैसी 58-60 वर्ष पहले थीं। लोग आज भी उतनी ही मुहब्बत एक-दूसरे मुल्कों के बाशिंदों की करते हैं। आज हिंदुस्तान और पाकिस्तान दोनों ही देशों ने आपसी भाईचारे को बढ़ाने और कायम रखने के लिए नई-नई योजनाएँ बनाए हैं। बस, रेल यातायात पुनः बहाल कर दिया है। जो दोनों देशों की एकता को प्रस्तुत करता है। दोनों मुल्कों के लोग आ जा सकते हैं। आपसी दुख दर्द बाँटते हैं। पिछले 5-7 वर्षों में तो दोनों के बीच रिश्ते अधिक मजबूत हुए हैं। दोनों में आपसी सौहार्द बढ़ा है।
प्रश्न 2:
सफ़िया की मनःस्तिति को कहानी में एक विशिष्ट संदर्भ में अलग तरह से स्पष्ट किया गया है। अगर आप सफ़िया की जगह होते/होतीं तो क्या आपकी मनःस्तिति भी वैसी ही होती? स्पष्ट र्काजिए।
उत्तर–
अगर मैं सफ़िया की जगह होता तो मेरी मन:स्थिति भी सफ़िया की तरह ही होती। सफ़िया लेखिका है, अत: वह अपनी भावनाओं को साहित्यिक रूप से व्यक्त कर सकी है, परंतु मैं सीधे तौर पर अपनी भावनाएँ जता देता। मैं सिख बीवी को माँ का दर्जा दे देता। दूसरे, लाहौर से नमक लाने के लिए मैं हर संभव तरीके का प्रयोग करता।
प्रश्न 3:
भारत–पाकिस्तान के आपसी संबधों को सुधारने के लिए दोनों सरकारें प्रयासरत हैं। व्यक्तिगत तौर पर आप इसमें क्या योगदान दे सकते/सकती हैं?
उत्तर–
हम व्यक्तिगत तौर पर कला और साहित्य से संबंधित गोष्ठियाँ, सेमिनार आयोजित कर सकते हैं। अपनी भावनाओं को कविता या लेखों के माध्यम से व्यक्त कर इन दोनों के संबंधों को सुधार सकते हैं। हम उनकी भावनाओं को समझकर यथासंभव उनकी सहायता कर सकते हैं ताकि भाईचारे और सौहार्द का माहौल कायम हो सके।
प्रश्न 4:
लेखिका ने विभाजन से उपजी विस्थापन की समस्या का चित्रण करते हुए सफ़िया व सिख बीवी के माध्यम से यह भी सहमत हैं?
उत्तर–
कहानी में ऐसा संकेत कहीं नहीं है कि विभाजन के कारण हुए विस्थापन से नारी ही अधिक विस्थापित हुई है। सिख बीवी व सफ़िया परिवार के साथ ही विस्थापित हुई हैं। यही स्थिति पाकिस्तान में भी है। दूसरी बात इस रूप में सही है कि विवाह के कारण स्त्री ही सबसे अधिक विस्थापित होती है। इस विस्थापन के कारण उसका अपनी जन्मभूमि से लगाव कभी कम नहीं होता। स्मृतियाँ उसे घेरे रहती हैं।
प्रश्न 5:
विभाजन के अनेक स्वरूपों में बाँटी जनता को मिलाने की अनेक भूमियाँ हो सकती हैं-रक्त संबंध, विज्ञान, साहित्य व कला। इनमें से कौन सबसे ताकतवर हैं और क्यों?
उत्तर–
जनता को मिलाने की यद्यपि अनेक भूमिकाएँ हो सकती हैं लेकिन इनमें साहित्य और कला की भूमिका सबसे ज्यादा ताकतवर है क्योंकि इन दोनों क्षेत्रों से हम एक-दूसरे तक अपनी भावनाएँ अधिक आसानी से पहुँचा सकते हैं। साहित्य से एक-दूसरे की संस्कृति रहन-सहन, आचार-व्यवहार का पता चल जाता है। कला के माध्यम से हम उनके अंतर्मन में झाँक सकते हैं। भारतीय साहित्य और कला पिछले कई वर्षों से पाकिस्तान को रुचिकर लगता रहा है। यही बात पाकिस्तानी साहित्य के संदर्भ में कहीं जा सकती है।
आपकी राय
प्रश्न 1:
मान लीजिए आप अपने मित्र के पास विदेश जा रहे/रही हैं।आप सौगात के तौर पर भारत की कौन–सी चीज़ ले जाना पसंद करेंगे/करेंगी और क्यों?
उत्तर–
मैं अपने मित्र के पास विदेश जा रहा हूँ। सौगात के तौर मैं भारत से निम्नलिखित चीज़ें ले जाना पसंद करूँगा-
(i) ताजमहल की प्रतिकृति।
(ii) अच्छे साहित्यकारों की रचनाएँ।
(iii) रामायण।
(iv) मित्र की पसंद की खाने की चीजें।
भाषा की बात
प्रश्न 1:
नीचे दिए गए वाक्यों को ध्यान से पढ़िए–
(क) हमारा वतन तो जी लाहौर ही है।
(ख) क्या सब कानून हुकूमत के ही होते हैं?
सामान्यतः ‘ही` ‘ निपात का प्रयोगप किसी बात पर बल देने के लिए किया जाता है। ऊपर दिए गए दोनों वाक्यों में ‘ही’ के प्रयोग से अर्थ में क्या परिवतन आया है? स्पष्ट कीजिए। ‘ही’ का प्रयोग करते हुए दोनों तरह के अर्थ वाले पाँच-पाँच वाक्य बनाइए।
उत्तर–
(क) वाक्य से पता चलता है कि वक्ता का वतन लाहौर ही है, अन्य नहीं। यह ‘ही’ के प्रयोग के कारण है।
(ख) वाक्य में ‘ही’ के प्रयोग से यह अर्थ निकलता है कि हुकूमत से परे भी अन्य कानून होते हैं।
(क) पाँच वाक्य–
(i) मुझे दिल्ली ही जाना है।
(ii) मैं फल ही खाता हूँ।
(iii) रात का खाना तो सुमन के हाथ का ही खाऊँगा।
(iv) वाल्मीकि ने ही रामायण लिखी है।
(v) उसकी मोटरसाइकिल काली ही है।
(ख) पाँच वाक्य–
(i) क्या सारा ज्ञान आज ही देंगे?
(ii) क्या तुम मुझे स्कूल से ही निकाल दोगे?
(iii) क्या क्रिकेट लड़के ही खेलते हैं?
(iv) क्या सोहन अंग्रेजी ही पढ़ता है?
(v) क्या तुम मेरी ही बात मानते हो?
प्रश्न 2:
नीचे दिए गए शब्दों के हिंदी रूप लिखिए–
मुरैवत, आदमियत, अतीबव, साडा, मायने, सरहद,अक्स, लबोलहजा, नफ़ीस
उत्तर–
मुरैवत – संकोच
आदमियत – मनुष्यता
अदीब – साहित्यकार
साडा – हमारा
मायने – अर्थ
सरहद – सीमा
अक्स – प्रभा
लबोलहजा – बोलचाल का ढंग
नफ़ीस – सुरुचिपूर्ण
प्रश्न 3:
पंद्रह दिन योंगुजरे कि पता ही नहीं चला–वाक्य को ध्यान से पढ़िए और इसी प्रकार के (यों कि, ही से युक्त) पाँच वाक्य बनाइए।
उत्तर–
- वह यों ही चला गया कि पता ही नहीं चला।
2.कुछ वर्ष यों ही बीत गए कि पता ही नहीं चला।
3. क्लर्क ने यों ही टरका दिया कि आज साहब नहीं आए हैं।
4. यों ही मैं घर से निकलने वाला था कि सोहन आ गया।
5. सुमन यों आई कि पता ही न चला।
इन्हें भी जानें
- मुहर्रम -इस्लाम धर्म के अनुसार साल का पहला महीना, जिसकी दसवीं तारीख को इमाम हुसैन शहीद हुए थे।
2.सैयद -मुसलमानों के चौथे खलीफ़ा अली के वंशजों को सैयद कहा जाता है।
3. इकबाल-सारे जहाँ से अच्छा के गीतकार।
4. नजरुल इस्लाम-बांग्ला के क्रांतिकारी कवि।
5. शमसुल इस्लाम-बांग्ला देश के प्रसिद्ध कवि।
6. इस कहानी को पढ़ते हुए कई फ़िल्म, कई रचनाएँ कई गाने आपके जेहन में आए होंगे। उनकी सूची बनाइए और किन्हीं दो (फिल्म और रचना) की विशेषता लिखिए। आपकी सुविधा के लिए कुछ नाम दिए जा रहे हैं।
फिल्में रचनाएँ
1947 अर्थ तमस (उपन्यास-भीष्म साहनी)
मम्मो टोबाटेक सिंह (कहानी-मंटो)
ट्रेन टु पाकिस्तान जिंदगीनामा (उपन्यास-कृष्णा सोबती)
गदर पिंजर (उपन्यास-अमृता प्रीतम)
खामोश पानी झूठा सच (उपन्यास-यशपाल)
हिना मलबे का मालिक (कहानी-मोहन राकेश)
वीर जऱा पेशावर एक्सप्रेस (कहानी-कृश्न चदर)
7.
सरहद और मजहब के सदर्भ में इसे देखें –
तू हिंदू बनेगा न मुसलमान बनेगा,
इंसान की औलाद हैं, इंसान बनेगा।
मालिक ने हर इंसान को इंसान बनाया,
हमने उसे हिंदू या मुसलमान बनाया।
कुदरत ने तो बख्शी थी हमें एक ही धरती,
हमने कहीं भारत, कहीं ईरान बनाया।।
जो तोड़ दे हर बद वो तूफान बनेगा।
इंसान की औलाद हैं इंसान बनेगा।
–फ़िल्मः धूल का फूल, गीतकारः साहिर लुधियानवी
अन्य हल प्रश्न
बोधात्मक प्रशन
प्रश्न 1:
सिख बीवी के प्रति सफ़िया के आकर्षण का क्या कारण था? ‘नमक’ पाठ के आधार पर बताइए।
उत्तर–
जब सफ़िया ने सिख बीवी को देखा, तो वह हैरान रह गई। बीवी का वैसा ही चेहरा था, जैसा सफ़िया की माँ का था। बिलकुल वही कद, वही भारी शरीर, वही छोटी-छोटी चमकदार आँखें, जिनमें नेकी, मुहब्बत और रहमदिली की रोशनी जगमगा रही थी। चेहरा खुली किताब जैसा था। बीवी ने वैसी ही सफ़ेद मलमल का दुपट्टा ओढ़ रखा था, जैसा सफ़िया की अम्मा मुहर्रम में ओढ़ा करती थीं, इसीलिए सफ़िया बीवी की तरफ बार-बार बड़े प्यार से देखने लगी। उसकी माँ तो बरसों पहले मर चुकी थीं, पर यह कौन? उसकी माँ जैसी हैं, इतनी समानता कैसे है? यही सोचकर सफ़िया उनके प्रति आकर्षित हुई।
प्रश्न 2:
लाहौर और अमृतसर के कस्टम अधिकारियों ने सफ़िया के साथ कैसा व्यवहार किया?
उत्तर–
दोनों जगह के कस्टम अधिकारियों ने सफ़िया और उसकी नमक रूपी सद्भावना का सम्मान किया। केवल सम्मान ही नहीं, उसे यह भी जानकारी मिली कि उनमें से एक देहली को अपना वतन मानते हैं और दूसरे ढाका को अपना वतन कहते हैं। उन दोनों ने सफ़िया के प्रति पूरा सद्भाव दिखाया, कानून का उल्लंघन करके भी उसे नमक ले जाने दिया। अमृतसर वाले सुनील दास गुप्त तो उसका थैला उठाकर चले और उसके पुल पार करने तक वहीं पर खड़े रहे। उन अधिकारियों ने यह साबित कर दिया कि कोई भी कानून या सरहद प्रेम से ऊपर नहीं है।
प्रश्न 3:
नमक की पुड़िया के सबध में सफ़िया के मन में क्या द्वद्व था? उसका क्या समाधान निकला?
उत्तर–
नमक की पुड़िया ले जाने के संबंध में सफ़िया के मन में यह द्वंद्व था कि वह नमक की पुड़िया को चोरी से छिपाकर ले जाए या कस्टम अधिकारियों को दिखाकर ले जाए। पहले वह इसे कीनुओं की टोकरी में सबसे नीचे रखकर कीनुओं से ढँक लेती है। फिर वह निर्णय करती है कि वह प्यार के तोहफ़े को चोरी से नहीं ले जाएगी। वह नमक की पुड़िया को कस्टम वालों को दिखाएगी।
प्रश्न 4:
सफ़िया को अटारी में समझ ही नहीं आया कि कहाँ लाहौर खत्म हुआ और किस जगह अमृतसर शुरू हो गया, एसा क्यों?
[CBSE (Foreign), 2009]
उत्तर–
अमृतसर व लाहौर दोनों की सीमाएँ साथ लगती हैं। दोनों की भौगोलिक संरचना एक जैसी है। दोनों तरफ के लोगों की भाषा एक है। एक जैसी शक्लें हैं तथा उनका पहनावा भी एक जैसा है। वे एक ही लहजे से बोलते हैं तथा उनकी गालियाँ भी एक जैसी ही हैं। इस कारण सफ़िया को अटारी में समझ ही नहीं आया कि कहाँ लाहौर खत्म हुआ और किस जगह अमृतसर शुरू हो गया।
प्रश्न 5:
‘नमक’ कहानी में क्या सन्देश छिपा हुआ है? स्पष्ट कीजिए। [CBSE (Delhi), 2014]
उत्तर–
‘नमक’ कहानी में छिपा संदेश यह है कि मानचित्र पर एक लकीर मात्र खींच देने से वहाँ रहने वाले लोगों के दिल नहीं बँट जाते। जमीन बँटने से लोगों के आवागमन पर प्रतिबंध और पाबंदियाँ लग जाती हैं परंतु लोगों का लगाव अपने मूल स्थान से बना रहता है। पाकिस्तानी कस्टम अधिकारी द्वारा दिल्ली को तथा भारतीय कस्टम अधिकारी द्वारा ढाका को अपना वतन मानना इसका प्रमाण है।
प्रश्न 6:
‘नमक’ कहानी का प्रतिपाद्य बताइए।
उत्तर–
पाठ के आरंभ में प्रतिपाद्य देखें।
प्रश्न 7:
‘नमक’ कहानी में ‘नमक’ किस बात का प्रतीक है? इस कहानी में ‘वतन’ शब्द का भाव किस प्रकार दोनों तरफ के लोगों को भावुक करता है? [CBSE Sample Paper, 2015]
उत्तर–
‘नमक’ कहानी में ‘नमक’ भारत और पाकिस्तान के विभाजन के बाद इन अलग-अलग देशों में रह रहे लोगों के परस्पर प्यार का प्रतीक है जो विस्थापित और पुनर्वासित होकर भी एक-दूसरे के दिलों से जुड़े हैं। इस कहानी में ‘वतन’ शब्द का भाव एक-दूसरे को याद करके अतीत की मधुर यादों में खो देने का भाव उत्पन्न करके दोनों तरफ के लोगों को भावुक कर देता है। दोनों देशों के राजनीतिक संबंध अच्छे-बुरे जैसे भी हों, इससे उनका कुछ लेना-देना नहीं होता।
स्वय करें
- सिख बीवी ने सफ़िया से क्या सौगात लाने के लिए कहा था? क्या उनकी यह चाहत पूरी हो सकी?
2.सफ़िया को सिख बीवी की सौगात लाने में किन-किन परेशानियों का सामना करना पड़ा?
3. आप सफ़िया की जगह होते तो क्या करते, कानून का उल्लंघन या अपने किसी मित्र की भावनाओं की कद्र? कारण सहित लिखिए।
4. सफ़िया पहले थैली को छिपाकर ले जाना चाहती थी, पर अंत में उसने उसे स्वयं ही जाँच करने वाले के सामने क्यों रख दिया? कारण सहित लिखिए।
5. सफ़िया और उसके भाई के विचारों में क्या अंतर था ? आपको किसके विचार अच्छे लगे और क्यों?
6. निम्नलिखित गद्यांशों को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(अ) प्लेटफ़ॉर्म पर उनके बहुत-से दोस्त, भाई, रिश्तेदार थे, हसरत भरी नजरों, बहते हुए आँसुओं, ठंडी साँसों और भिचे हुए होंठों को बीच में से काटती हुई रेल सरहद की तरफ बढ़ी। अटारी में पाकिस्तानी पुलिस उतरी, हिंदुस्तानी पुलिस सवार हुई। कुछ समझ में नहीं आता था कि कहाँ से लाहौर खत्म हुआ और किस जगह से अमृतसर शुरू हो गया। एक जमीन थी, एक जबान थी, एक-सी सूरतें और लिबास, एक-सा लबोलहजा, और अंदाज थे, गालियाँ भी एक ही-सी थीं जिनसे दोनों बड़े प्यार से एक-दूसरे को नवाज रहे थे। बस मुश्किल सिर्फ इतनी थी कि भरी हुई बंदूकें दोनों के हाथों में थीं।
(क) प्लेटफ़ॉर्म पर कैसा दुश्य था?
(ख) अटारी क्या है? वहाँ क्या परिवर्तन हुआ?
(ग) सफ़िया की समइ में क्या बात नहीं आ रही थी?
(घ) लेखिका किस मुश्किल के बारे में बता रही हैं?
(ब) उन्होंने चाय की प्याली सफ़िया की तरफ खिसकाई और खुद एक बड़ा-सा घूंट भरकर बोले, ‘वैसे तो डाभ कलकत्ता में सेनाकवाभहोता हैप हमारेय के बाधक क्या बातहै हमारीजन हमारे पानक माह कुछ और है!” उठते वक्त उन्होंने पुड़िया सफ़िया के बैग में रख दी और खुद उस बैग को उठाकर आगे-आगे चलने लगे; सफ़िया ने उनके पीछे चलना शुरू किया। जब सफ़िया अमृतसर के पुल पर चढ़ रही थी तब पुल की सबसे निचली सीढ़ी के पास वे सिर झुकाए चुपचाप खड़े थे। सफ़िया सोचती जा रही थी किसका वतन कहाँ है-वह जो कस्टम के इस तरफ है या उस तरफ!
(क) ‘उन्होंने’ कौन हैं? उसने अपने देश के बारे में क्या बताया?
(ख) ‘उन्होंने’ सफ़िया और उपहार का सम्मान किस तरह किया?
(ग) सफ़िया किस सोच में पड़ी थी?
(घ) ‘वे’ सफ़िया से विदा लेते वक्त सिर झुकाए क्यों खड़े थे?
हिंदी आरोह के सभी पाठों का हल – Chapter wise