ज़िन्दगी से यही गिला है मुझे ...
अहमद फ़राज़ शायरी
ज़िन्दगी से यही गिला है मुझे तू बहुत देर से मिला है मुझे
अहमद फ़राज़ शायरी
हमसफ़र चाहिये हुजूम नहीं इक मुसाफ़िर भी काफ़िला है मुझे
अहमद फ़राज़ शायरी
तू मोहब्बत से कोई चाल तो चल हार जाने का हौसला है मुझे
अहमद फ़राज़ शायरी
लब कुशां हूं तो इस यकीन के साथ कत्ल होने का हौसला है मुझे
अहमद फ़राज़ शायरी
दिल धडकता नहीं सुलगता है वो जो ख्वाहिश थी, आबला है मुझे
अहमद फ़राज़ शायरी
कौन जाने कि चाहतो में फ़राज़ क्या गंवाया है क्या मिला है मुझे
अहमद फ़राज़ शायरी
सुना है लोग उसे आँख भर के देखते हैं ...
अहमद फ़राज़ शायरी
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